सिविल सेवा दिवस पर कार्यशाला आयोजित; आजादी के इतने वर्षो बाद भी कहां कमी रह गयी है, चिन्तन की आवश्यकता- संचालक स्वास्थ्य; जमीन से जुडकर काम करें अधिकारी और पेश करें उदाहरण-कलेक्टर; यह आमजनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर है-कलेक्टर
पन्ना 21 अप्रैल 18/भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी कडी में जिले में भी सिविल सेवा दिवस के अवसर पर जिला पंचायत सभाकक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सिविल सेवा की अवधारणा एवं उसके इतिहास पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की गयी। इसके अलावा अन्य समसमायिक विषयों के संबंध में भी अधिकारियों द्वारा विचार रखे गए। कार्यक्रम में भारत प्रशासनिक सेवा, भारतीय वन सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा तथा राज्य की अन्य सिविल सेवाओं के अधिकारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि संचालक स्वास्थ्य भारत सरकार श्री सुदीप श्रीवास्तव द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बालगंगाधर तिलक ने नारा दिया था ’’स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लाकर रहूंगा।’’ इसी तरह शासकीय सेवकों का यह नारा होना चाहिए कि ’’सुराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं उसे लाकर रहूंगा।’’ शासकीय सेवकों के प्रयासों से ही सुशासन की अवधारणा को साकार किया जा सकता है। आजादी के इतने वर्षो बाद भी यदि शत प्रतिशत सुशासन नही आ पाया है तो इसके पीछे क्या कमियां रह गयीं इसके चिन्तन की आवश्यकता है। शासकीय अधिकारियों को हमेशा प्रेरणा लेते रहना चाहिए। इसके लिए किसी का प्रेरणादायी भाषण सुनने की आवश्यकता नही है। बल्कि जब उन्होंने शासकीय सेवा में पहली बार कदम रखा था तो जिस भाव से घर से निकले थे, माता-पिता के चरण छुये थे उसे हमेशा याद रखना चाहिए। वही आपके लिए सबसे बडी प्रेरणा होगी।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री मनोज खत्री ने कहा कि संविधान निर्माणओं के सपने अभी भी पूरे नही हो पाए हैं। इसकी वजह जमीनी स्तर पर शासकीय क्रियान्वयन में कमी है। अधिकारियों को जमीन से जुडना होगा। नवाचारों का अनुसरण करना होगा। तभी अच्छे उदाहरण पेश किए जा सकते हैं। विकास हमसे ही हो रहा है इस भ्रम से बाहर आने की आवश्यकता है। यह दिन आमजनता के प्रति जिम्मेदारी की प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर है। यदि हम अपनी प्रतिबद्धता को दोहराए और पहले से बेहतर ढंग से कार्य करें तो निश्चित ही संविधान निर्माताओं के स्वप्न को पूरा किया जा सकता है।
कार्यक्रम मंे जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. गिरीश कुमार मिश्रा ने सिविल सेवा की अवधारणा एवं उसके इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह दिन हमें अपने कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील करने के लिए मनाया जा रहा है। हम सभी को स्वयं का आंकलन करते हुए भविष्य के परिवेश को ध्यान में रखते हुए चिन्तन एवं पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। यद्यपि सभी अधिकारी अपने-अपने स्तर पर बेहतर करने का प्रयास करते हैं। लेकिन सिविल सेवा में प्रतिदिन आ रही चुनौतियों के लिए बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने नई चुनौतियों के अनुरूप स्वयं के दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव करते हुए कार्य करने की अपील की। कार्यक्रम मंे अन्य अधिकारियों द्वारा भी अपने विचार रखते हुए शासन एवं प्रशासन को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया गया। कार्यक्रम में नई दिल्ली से माननीय प्रधानमंत्री जी के उद्बोधन का सीधा प्रसारण भी किया गया। इस अवसर पर वन मण्डलाधिकारी उत्तर श्री एन.एस. यादव, वन मण्डलाधिकारी दक्षिण श्रीमती मीना मिश्रा, जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अशोक चतुर्वेदी, जिला उद्यानिकी अधिकारी श्री एम.एम. भट्ट, जिला परिवहन अधिकारी श्री संजीव शुक्ला, जिला आबकारी अधिकारी श्री दीपक अवस्थी, मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री अरूण पटैरिया सहित सभी जिला प्रमुख मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में अपर कलेक्टर श्री अशोक ओहरी द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
समाचार क्रमांक 191-1109
Comments
Post a Comment