ड्रिप सिंचाई से कम पानी में हो रही फसल की अधिक पैदावार

पन्ना 22 मार्च 18/कृषि को लाभ का धन्धा बनाने के लिए शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिनमें से एक उद्यानिकी विभाग अन्तर्गत संचालित ड्रिप सिंचाई योजना है। ड्रिप (टपक) सिंचाई पद्धति द्वारा खेती करने पर कम पानी में भी फसल की अधिक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। खेती के लिए जल बहुत ही महत्वपूर्ण है। खेतों एवं बाग बगीचों में सीधे पानी लगाने याने सतही सिंचाई विधि से बहुमूल्य पानी का 60 प्रतिशत भाग किसी न किसी कारण से बरबाद हो जाता है। वही टपक सिंचाई को अपनाने से उत्पादन में डेढ गुना वृद्धि होने के साथ-साथ 70 प्रतिशत पानी की बचत भी होती है। इस पद्धति से सिंचाई करने से पानी केवल पौधों की जड़ों में ही पहुंचता है। मेड नालियां बनाने की आवश्यकता नही होती। पानी की बचत के साथ-साथ श्रम एवं पैसों की बचत भी होती है। खतपरवार की समस्या भी नही होती। उबड-खबड भूमि में भी पौधों की सिंचाई आसानी से की जा सकती है। जिले के अनेक किसान भाई इस पद्धति को अपनाकर पहले से अधिक आय प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे ही कृषक श्री अजेन्द्र सिंह निवासी ग्राम मुराछ विकासखण्ड पन्ना बताते हैं कि उन्होंने अप...