अनाज दालों के साथ सब्जियां उगाकर रामरतन को हो रही अतिरिक्त आय; दूसरे किसान भाईयों को भी इसकी सलाह देते हैं
पन्ना 21 अप्रैल 18/पन्ना जिले के शाहनगर विकासखण्ड के ग्राम अरथाई के कृषक हैं रामरतन तिवारी। रामरतन के पास कुल 4 एकड रकवा है। वह पहले सामान्य अनाज दालों की फसल उगाते थे और अपने जीवन-यापन के लिए पूरी तरह इन्ही फसलों पर आश्रित थे। खेती में घाटा लगने से उनका जीवन-यापन मुश्किल होता जा रहा था। उनके मन में खेती के प्रति निराशा के भाव आने लगे थे। तभी उन्हें कृषि विभाग (आत्मा) द्वारा आयोजित संगोष्ठी में भाग लेने का अवसर मिला और उनकी यह निराशा आशा में बदल गयी।
रामरतन बताते हैं कि संगोष्ठी में भाग लेने के बाद उन्होंने आत्मा द्वारा आयोजित और कई प्रदर्शन गतिविधियों में भाग लिया। सब्जियों की वैज्ञानिक तरीके से खेती पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। जिसके बाद मैंने अपनी खेती में भी सब्जी की फसलों का समावेश करना प्रारंभ कर दिया। सब्जी की खेती में मैंने मिर्च, टमाटर एवं लहसुन की फसल ली। इससे मुझे रोज की आमदनी प्राप्त होने लगी। पिछले वर्ष मैंने लहसुन की फसल एक एकड में उगायी थी। जिससे मुझे 22 क्विंटल लहसुन प्राप्त हुआ। जिसकी अच्छी कीमत मुझे प्राप्त हुई और 64 हजार रूपये की शुद्ध आय मुझे मिली। इस वर्ष भी मैंने एक एकड रकवे में लहसुन की खेती की है और इस तरह कुल एक हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियों (मिर्च, टमाटर, प्याज) की फसल उगाई है। अब मैं अनाज एवं दालों का उत्पादन भी वैज्ञानिक तरीके से करने लगा हॅू। इससे फसल का उत्पादन बढा है। साथ ही सब्जियों के उत्पादन से अतिरिक्त आय प्राप्त होने से मेरी आर्थिक स्थिति सुधर गयी है। रामरतन कहते हैं कि जिले के अन्य किसान भाईयों को भी अनाज के साथ-साथ सब्जियों का उत्पादन कर कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाना चाहिए।
समाचार क्रमांक 199-1117
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