बेसहारा बच्चों का सहारा बनी फाॅस्टर केयर योजना

पन्ना 16 जुलाई 18/बनेहरीकला अजयगढ़ के अरविंद एवं दिनेश बसोर, टांई गुनौर की मानसी एवं शिवांशी राजपूत तथा सुमित एवं राधा विश्वकर्मा जैसे जिले के कई बेसहारा बच्चों को अब सहारा मिल गया है। यह सहारा उन्हें शासन द्वारा चलाई जा रही फाॅस्टर केयर योजना के अन्तर्गत प्रदाय की जा रही है आर्थिक सहायता से मिला है। 

    महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत चलाई जा रही फाॅस्टर केयर योजना की नवीन गाईड लाईन के अनुसार ऐसे अनाथ, बेसहारा एवं जरूरतमंद बच्चे जिनके माता-पिता नही हैं, उन्हंे योजना के तहत प्रति माह 2 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह आर्थिक सहायता ऐसे बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए उनके बैंक खाते में प्रदाय की जाती है। इतना ही नही आर्थिक संबल देने के साथ-साथ योजना में संरक्षक रखने का प्रावधान भी किया गया है। इन बच्चों को अस्थाई रूप से ऐसे संरक्षक अथवा पोषक परिवार में रखा जाता है जो आर्थिक रूप से सक्षम हो तथा इन अनाथ, बेसहारा एवं जरूरतमंद बच्चों को अपने पास रखना चाहता हो। यह बच्चों का सगा संबंधी नही होना चाहिए।

    यह कल्याणकारी योजना अब तक जिले के 12 बच्चों का सहारा बन चुकी है। इन लाभान्वित बच्चों की शिक्षा एवं भरण-पोषण आर्थिक सहायता एवं संरक्षकों के माध्यम से अच्छे से हो पा रहा है। ग्राम टांई के बच्चों सुमित एवं राधा विश्वकर्मा की माता का स्वर्गवास हो गया है और पिता जेल में है, इन बेसहारा बच्चों को भी इस योजना का सहारा मिला है। विगत दिनों दृष्टिहीन बेवा गुलाब बाई निवासी ग्राम पंचायत बघवारकला शाहनगर की 2 बेटियों को भी जिला प्रशासन की मदद से इस योजना का लाभ दिलाया गया है। बच्चों के संरक्षक भी इन बेसहारा बच्चों का सहारा बन गौरव महसूस करते हैं कि शासन की इस योजना के माध्यम से उन्हें अनाथ, बेसहारा एवं जरूरतमंद बच्चों का भरणपोषण करने का अवसर प्राप्त हो सका है।  इस तरह यह योजना न केवल अनाथ बच्चों के लिए बल्कि बेसहारा और जरूरतमंद बच्चों के लिए भी वरदान साबित हो रही है।
समाचार क्रमांक 198-2132





   



   













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