नेशनल लोक अदालत सफलतापूर्वक आयोजित


पन्ना 14 जुलाई 18/राष्ट्रीय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार पन्ना जिले में जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पन्ना श्री राजेश कुमार कोष्टा के कुशल मार्गदर्शन में एडीआर सभागृह में माॅ सरस्वती एवं महात्मा गाॅधी के प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर एवं पुष्प-माला अर्पण कर लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। लोक अदालत के शुभारंभ कार्यक्रम में अध्यक्ष अभिभाषक संघ श्री जे.के. राव, विशेष न्यायाधीश श्री अमिताभ मिश्रा, अपर जिला न्यायाधीश श्री अनुराग द्विवेदी, प्रशिक्षु अपर जिला न्यायाधीश श्री संजीव सिंघल, मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट श्री आमोद आर्य, मुख्य न्यायाधीश वर्ग-1 श्री मनोज तिवारी, मुख्य न्यायाधीश वर्ग-2 श्री रवि कुमार बौरासी एवं अन्य न्यायाधीशगण, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री मुहम्मद जीलानी, पुलिस अधीक्षक श्री विवेक सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. गिरीश कुमार मिश्रा एवं अन्य विभागों के अधिकारीगण, अधिवक्ता संघ पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण, सुलहकर्ता सदस्यगण, सामाजिक कार्यकर्ता एवं पक्षकारगणों, न्यायालयीन एवं प्राधिकरण के स्टाॅफ की उपस्थिती रही।

नेशनल लोक अदालत की सफलता की कहानियां - 1. दो वर्ष की बालिका के माता-पिता हुए एक

     दिनांक 14 जुलाई 2018 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत पन्ना में ग्राम ललपुरवा तहसील अजयगढ़ जिला पन्ना के रहने वाले पुष्पेन्द्र सिंह व उनकी पत्नी श्रीमती देवकुॅवर के मध्य आपसी वाद विवाद व मनमुटाव के कारण विगत एक वर्ष से कुटुम्ब न्यायालय पन्ना में दो प्रकरण धारा 9 व भरण-पोषण के विचाराधीन थे। पति-पत्नी के बीच में एक अबोध बालिका 02 वर्ष की माता-पिता के झगड़े में अपना बचपन खोती जा रही थी। नेशनल लोक अदालत हेतु गठित खण्डपीठ क्रमांक 01 के जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश कुमार कोष्टा की समझाईश से एवं सुलहकर्ता सदस्य अधिवक्ता श्री आर.सी. तिवारी एवं श्री प्रवीण खरे (सीनियर) के प्रयासों से वे पुनः एक साथ रहने को तैयार हो गये। उन्होंने न्यायालय कक्ष में ही एक-दूसरे को माला पहनाकर एक बार फिर से प्रेमपूर्वक दाम्पत्य जीवन निर्वहन करने का संकल्प लिया।

    नेशनल लोक अदालत में खण्डपीठ क्रमांक 02 पीठासीन अधिकारी श्री अमिताभ मिश्र के समझाईश फलस्वरूप कई मामलों में राजीनामा हुआ एवं पक्षकारगण आपस में एक दूसरे को पुष्प माला पहनाकर गले मिले। श्री मिश्र द्वारा पक्षकारगणों को स्मृति स्वरूप पौधे दिये गये। खण्डपीठ क्रमांक 03 पीठासीन अधिकारी श्री अनुराग द्विवेदी के समझाईश एवं सुलहकर्ता सदस्यों के समझाईश फलस्वरूप कई मामलों में राजीनामा हुआ एवं पक्षकारगण आपस में एक दूसरे को पुष्प माला पहनाकर गले मिले एवं श्री द्विवेदी द्वारा स्मृति स्वरूप पौधे दिये गये। खण्डपीठ क्रमांक 04 पीठासीन अधिकारी श्री आमोद आर्य की समझाईश एवं सुलहकर्ता सदस्यों के समझाईश फलस्वरूप कई मामलों में राजीनामा हुआ एवं पक्षकारगण आपस में एक दूसरे को पुष्प माला पहनाकर गले मिले एवं श्री आर्य द्वारा स्मृति स्वरूप पौधे दिये गये।

2. पक्षकारों ने राजीनामा कर भविष्य में लडाई झगडे से दूर रहने का वचन दिया
    नेशनल लोक अदालत में खण्डपीठ क्रमांक 05 में बब्लू विरुद्ध धर्मेन्द्र धारा 341, 323, भा.द.सं. मारपीट के मामलें में परिवादी को खण्डपीठ के पीठासीन न्यायाधीश श्री मनोज कुमार तिवारी के समझाईस पर अपना मामला राजीनामा कर समाप्त किया। अभियुक्तगण द्वारा भविष्य में कभी किसी प्रकार की लड़ाई-झगड़े में शामिल न होने का वचन दिया गया। दोनो पक्ष ने गले मिलकर राजीनामा किया एवं न्यायाधीश द्वारा स्मृति स्वरूप पौधे दिये गये। खण्डपीठ क्रमांक 07 में जगदीश कुमार एवं जुगुल के मध्य आपराधिक प्रकरण धारा 323 के तहत प्रचलित प्रकरण खण्डपीठ के पीठासीन न्यायाधीश श्री रवि कुमार बौरासी एवं सुलहकर्ता सदस्यों के समझाईस उपरांत आपसी राजीनामे सुलह से निराकृत हुआ जिसमें दोनो पक्षों ने उक्त प्रकरण में समझौते के आधार पर राजीनामा कर लिया एवं दोनो के मध्य पानी निकासी का विवाद था जो इस शर्त के साथ समाप्त हुआ की प्रथम पक्ष अपनी नाली में पाईप डालेगा एवं दूसरा पक्ष अपनी आराजी का सीमांकन कराएगा इसी के साथ दोनो पक्ष खुशी-खुशी अपने घर गये।

3. नेशनल लोक अदालत ने दूर कराई पति की गलत फहमी, परिवार हुआ एक

    खण्डपीठ क्रमांक 06 में आवेदक शिवनारायण लोधी ने लिखित आवेदन दिया, उसने बताया कि मेरी पत्नी फोन पर कई घंटो बात करती रहती है। मेरे घर आने पर तुरन्त फोन बन्द कर देती है। अनावेदिका विनय कुमारी ने बताया कि मै आशा कार्यकर्ता हूॅ फोन में बात करना मेरे लिए जरूरी है, मेरा पति मुझ पर बेवजह शक करता है। दोनों पक्षों खण्डपीठ पीठासीन न्यायाधीश श्रीमती वंदना सिंह की समझाईश, सुलहकर्ता सदस्यों परिवार परामर्श केन्द्र के परामर्श प्रभारी, काउन्सलर के प्रयासों से अनावेदिका अपनी शर्ताे के मुताबिक पति के साथ रहने को तैयार हो गई। इसके अलावा अन्य 10 मामलों में खण्डपीठ पीठासीन न्यायाधीश श्रीमती वंदना सिंह की समझाईश सुलहकर्ता सदस्यों परिवार परामर्श केन्द्र के परामर्श प्रभारी, काउन्सलर के प्रयासों से बिखरे परिवार एक इनमें से कुछ एक हुए परिवारों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश कुमार कोष्टा के सम्मुख आपस में माला पहनाकर एवं माननीय न्यायाधीश द्वारा स्मृति स्वरूप पौधे देकर भविष्य में सदा खुश रहने के लिए पे्ररित किया गया।

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