उम्मीद की दस्तक

पन्ना 30 सितंबर 18/पन्ना जिले का एक सुदूर ग्राम मनकी है, जिसके सेक्टर मझगवाॅ (पन्ना ग्रामीण) में मजदूरी पर आश्रित बिटुवा गोंड का परिवार रहता है। बिटुवा गोंड और उसकी पत्नि जमना बाई की 03 माह की बच्ची है, जिसका नाम विनीता है। जन्म से ही कम वजनी इस बच्ची का जन्म आकस्मिकता की स्थिति में घर पर ही हो गया। आषा लगातार परिवार के सम्पर्क में रही एवं उसके द्वारा नवजात षिषु की गृह आधारित भेट की जाती रही।

माह बीतते गये और जमुना बाई ने नासमझी में बच्ची को गाय का ऊपरी दूध प्रारम्भ कर दिया। मुख्य रूप से मजदूरी पर आश्रित यह परिवार अधिकांष समय मजदूरी की तलाष में ग्राम से पलायनषुदा रहता है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एल.के. तिवारी ने बताया कि दिनांक 20 जून 2018 को आषा श्रीमती यषोदा आदिवासी, एएनएम श्रीमती रामकुमारी वर्मा एवं आंगनवाडी कार्यकर्ता श्रीमती शकुन्तला यादव ने जब विनिता के घर समन्वित दस्तक दी तो पाया कि बच्ची को तेज बुखार है एवं 10 दिन से दस्त लग रहे हैं। उनके द्वारा माँ को समझाईष दी गयी कि बच्ची में खून की अत्याधिक कमी है और कम वजन होने के कारण बच्ची को तुरन्त एनआरसी में भर्ती कराया जाना आवष्यक है। जमुना बाई तैयार हो गईं और आषा एवं आंगनवाडी कार्यकर्ता द्वारा विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अभिषेक जैन से सम्पर्क कर तत्काल 108 के माध्यम से गंभीर रूप से बीमार षिषु को एनआरसी में भर्ती कराया गया।

भर्ती दिनांक को विनिता का वजन महज 1.907 किलो था, वजन अनुपातिक लम्बाई ढ.4ैक् (गंभीर कुपोषण) एवं हिमोग्लोबिन स्तर 6.2 था। डाॅक्टर अभिषेक जैन एवं पोषण प्रषिक्षक श्रीमती रष्मी त्रिपाठी की देख-रेख में बच्ची की समस्त आवष्यक जांॅचे निःषुल्क सुनिष्चित की गयी। चंूकि जमुना बाई द्वारा षिषु को स्तनपान नहीं कराया जा रहा था अतएव एन.आर.सी. जिला चिकित्सालय पन्ना में जमुना की चिकित्सकीय जाॅच के उपरान्त चिकित्सक द्वारा ैनचचसमउमदजंतल ैनबासपदह ज्मबीदपुनम ;ैैज्द्ध पद्धति से कृत्रिम स्तनपान प्रारम्भ कराने का परामर्ष दिया गया। पोषण प्रषिक्षक के अथक प्रयास से जमुना देवी को इस पद्धति से पुनः स्तनपान स्थापित किया जा सका। पर्याप्त दुग्धपान एवं चिकित्सकीय आहार से धीरे-धीरे षिषु के वजन में वृद्धि होने लगी। बच्ची में अत्याधिक खून की कमी एवं हिमोडायनामिक अस्थिरता को देखते हुये डाॅ. जैन द्वारा षिषु को निःषुल्क पैक्ड सेल ट्रान्सफ्यूजन दिया गया एवं बच्ची को थैरेप्यूटिक आयरन सप्लिमेन्टेषन प्रारम्भ किया गया। भर्ती अवधि के दौरान षिषु के वजन में वृद्धि स्पष्ट रूप से दर्ज हुई। प्रथम दिवस में वजन 1.907 किग्रा, द्वितीय दिवस में 2.055 से क्रमषः बढ़ते हुये 15वें दिन बच्ची का वजन 2.285 दर्ज किया गया।

एन.आर.सी. जिला चिकित्सालय पन्ना में 15 दिन निःषुल्क उपचार प्राप्त करने के पश्चात विनिता को छुट्टी दी गयी। आंगनवाडी कार्यकर्ता श्रीमती शकुन्तला यादव इस दौरान प्रत्येक 15 दिवस के अन्तराल पर परिवार से भेंट कर बच्ची को जाॅच हेतु एन.आर.सी. लेकर आयीं।

परिणाम आज विनिता पूरी तरह स्वस्थ है। जमुना एवं बिटुवा गोंड आषा, आगंनवाडी कार्यकर्ता, डाॅक्टर अभिषेक जैन एवं पोषण प्रषिक्षक रष्मि त्रिपाठी के गुण गाते नहीं थकते। हमारे स्वास्थ्य एवं आंगनवाडी सेवा प्रदाताओं द्वारा दी गई उम्मीद की दस्तक, निस्वार्थ सेवा एवं शासन की योजना से विनीता अब पूर्णतः स्वस्थ है। बच्चों की सेहत लाभ में मध्यप्रदेष शासन का दस्तक अभियान एक सकारात्मक पहल साबित हुआ है।
समाचार क्रमांक 420-3108


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