हर रानी मक्खी की विषेष गंध (क्वीन्स सबस्टेªनस) होती है-श्री सैनी

पन्ना 08 मार्च 18/पन्ना के भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रषिक्षण केन्द्र (आरसेटी) में चल रहे मधुमक्खी पालन का आज दूसरे दिन ज्योति ग्राम उद्योग संस्थान सराहरनपुर (उ.प्र.) के मधुमक्खी वैज्ञानिक रोहित सैनी एवं के.पी. सिंह ने बताया कि मधुमक्खी के परिवार की संरचना में एक रानी मक्खी होती है, कुछ नर एवं अधिक संख्या में श्रमिक होते है। रानी मधुमक्खी की आयु 02 से 03 वर्ष तक होती है, जबकि श्रमिक 2 से 3 महिने एवं नर की आयु 5 से 6 महिने होती है। रानी मक्खी में विषेष गंध होती है, जिसमें क्वीन्स सबस्टेªेनस होता है। 

उन्होंने बताया कि मधुमक्खी में मनुष्य की तरह सघने की क्षमता भी होती है, जिससे यह पराग एवं मकरंद की पहचान आसानी से कर लेती है। सॅूघने की क्षमता के साथ-साथ मधुमक्खी में अपनी विषेष गंध होती है, जिससे अन्य मौन वंष की मधुमक्खियो की पहचान तुरंत कर लेती है। प्रत्येक बक्से/मौनग्रह में अपनी एक विषेष गंध होती है। कमेरी के उदर के पिछले भाग में एक ग्रंथी होती है, जिससे गंधहीन पदार्थ निकलता रहता है, जो रासायनिक दृष्टि से परिवार में एक सा होता है, इसीकारण सदस्यों की गंध की आपसी पहचान बनी रहती है। उक्त प्रषिक्षण में कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख वैज्ञानिक श्री बी.एस. किरार एवं सहायक संचालक उद्यान महेन्द्र मोहन भट्ट उपस्थित रहे। 

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