मुनगे से बदली नितिन की तस्वीर
पन्ना 13 अगस्त 18/कहते है मुनगा 300 बीमारियों को दूर करने का रामबाण ईलाज है लेकिन इसे मानते कम लोग हैं। मुनगे के लाभकारी गुणों को बालक नितिन चरितार्थ कर रहा है। अब उसकी माॅ और परिवार के लोग भी अपनी गलती को सुधारते हुए मुनगे के महत्व को समझ चुके हैं।
पन्ना जिले की नगरपालिका पन्ना के वार्ड क्र. 4 में बृजेश भाट का परिवार रहता है जो मजदूरी कर किसी तरह अपना जीवन यापन करता है। उसकी पत्नि गायत्री गृहणी हैं जिसके 2 पुत्र एवं एक पुत्री है। पुत्री को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लाडली लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है। गायत्री ने जब 27 अक्टूबर 2013 को अपने पुत्र नितिन को जन्म दिया तो उसका वजन 3 किलो ग्राम था और वह पूर्णता स्वस्थ था। लेकिन अज्ञानता एवं पारिवारिक निर्धनता के कारण नितिन का वजन कम होता गया। एक दिन पर्यवेक्षक श्रीमती अंजली गुप्ता के भ्रमण के दौरान नितिन का वजन 9 माह की उम्र के अनुसार बहुत कम पाया गया। नितिन को तत्काल पोषा पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराया गया। नियमित फालोअप के परिणाम के फलस्वरूप नितिन के वजन में वृद्धि होने लगी। लेकिन 8 माह बाद नितिन को लगातार बुखार आने लगा। उसकी पारिवारिक स्थिति ठीक नही होने के कारण आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सेक्टर पर्यवेक्षक के सहयोग से फिर से पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया गया। जहां से वापस आने के बाद आंगनवाडी केन्द्र में आयोजित 12 दिवसीय स्नेह शिविर में नितिन को शामिल कर मुनगे की पत्ती, चूर्ण एवं फल का उपयोग कराया गया। परिणाम स्वरूप नितिन के वजन में आश्चर्यजनक परिवर्तन दिखाई दिया। आज नितिन का वजन 12 किलो 300 ग्राम हो गया है। नितिन का स्वास्थ्य इस तथ्य का प्रेरणा स्त्रोत बन गया है कि मुनगा स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। नितिन की माॅं गायत्री का कहना है कि मेरे जैसे लोग अज्ञानतावश मुनगे के महत्व को नही समझ पाते थे। लेकिन जब मैंने खुद प्रयोग किया है और मेरा बच्चा पूर्णतः स्वस्थ्य हो गया है तो मुझे अपनी भूल का एहसास हुआ है। यदि सभी अपने परिवार में मुनगे का उपयोग करना शुरू कर दें तो जिला कुपोषण से मुक्त हो सकता है।
समाचार क्रमांक 198-2449
पन्ना जिले की नगरपालिका पन्ना के वार्ड क्र. 4 में बृजेश भाट का परिवार रहता है जो मजदूरी कर किसी तरह अपना जीवन यापन करता है। उसकी पत्नि गायत्री गृहणी हैं जिसके 2 पुत्र एवं एक पुत्री है। पुत्री को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लाडली लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है। गायत्री ने जब 27 अक्टूबर 2013 को अपने पुत्र नितिन को जन्म दिया तो उसका वजन 3 किलो ग्राम था और वह पूर्णता स्वस्थ था। लेकिन अज्ञानता एवं पारिवारिक निर्धनता के कारण नितिन का वजन कम होता गया। एक दिन पर्यवेक्षक श्रीमती अंजली गुप्ता के भ्रमण के दौरान नितिन का वजन 9 माह की उम्र के अनुसार बहुत कम पाया गया। नितिन को तत्काल पोषा पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराया गया। नियमित फालोअप के परिणाम के फलस्वरूप नितिन के वजन में वृद्धि होने लगी। लेकिन 8 माह बाद नितिन को लगातार बुखार आने लगा। उसकी पारिवारिक स्थिति ठीक नही होने के कारण आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सेक्टर पर्यवेक्षक के सहयोग से फिर से पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया गया। जहां से वापस आने के बाद आंगनवाडी केन्द्र में आयोजित 12 दिवसीय स्नेह शिविर में नितिन को शामिल कर मुनगे की पत्ती, चूर्ण एवं फल का उपयोग कराया गया। परिणाम स्वरूप नितिन के वजन में आश्चर्यजनक परिवर्तन दिखाई दिया। आज नितिन का वजन 12 किलो 300 ग्राम हो गया है। नितिन का स्वास्थ्य इस तथ्य का प्रेरणा स्त्रोत बन गया है कि मुनगा स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। नितिन की माॅं गायत्री का कहना है कि मेरे जैसे लोग अज्ञानतावश मुनगे के महत्व को नही समझ पाते थे। लेकिन जब मैंने खुद प्रयोग किया है और मेरा बच्चा पूर्णतः स्वस्थ्य हो गया है तो मुझे अपनी भूल का एहसास हुआ है। यदि सभी अपने परिवार में मुनगे का उपयोग करना शुरू कर दें तो जिला कुपोषण से मुक्त हो सकता है।
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