विधिक साक्षरता शिविर आयोजित


पन्ना 18 जुलाई 18/जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पन्ना श्री राजेश कुमार कोष्टा के कुशल मार्गदर्शन में 18 जुलाई को डायमण्ड पब्लिक स्कूल पन्ना में श्री रवि कुमार बौरासी न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला न्यायालय पन्ना के मुख्य आतिथ्य में एवं श्रीमती पूजा पाठक बौरासी, श्री मुहम्मद जीलानी जिला विधिक सहायता अधिकारी पन्ना, विद्यालय प्रबंधक श्री सेवकलाल कुशवाहा, शिक्षक-शिक्षिकायें, विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के सहभागिता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्र्यापण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर एवं विद्यालयीन बच्चों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया जाकर किया गया।

    शिविर में न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री बौरासी ने बच्चों से सरल-सहज शब्दों के माध्यम से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि ’भारत में विधि का शासन है’, जो स्थान धार्मिक ग्रन्थों में ’गीता’ का है, वही स्थान विधियों में ’भारत का संविधान’ का है। श्री बौरासी ने कहा कि कुछ घंटों के विधिक साक्षरता शिविर के माध्यम से हम आपकों पूर्णरूपेण विधिक साक्षर नही कर सकते, परन्तु कुछ ही पलों में आपके अंदर विधि के जानने एवं समझने हेतु ऐसा बीज जरूर बो सकते है जो कि भविष्य में आप लोगांे को ’विधिज्ञ पुरूष’ के रूप में एक वृक्ष की भाॅति तैयार होकर आपके द्वारा समाज में अन्य व्यक्तियों को भी विधिक ज्ञान स्वरूपी फल को बाॅटकर समाज में जागरूकता पैदा कर समाजसेवा एवं देश सेवा कर सकते है।

    कार्यक्रम के दौरान श्री बौरासी ने शिविर में बैठे बच्चों के द्वारा ही नाट्य रूपांतरण का निर्देशन करते हुए सड़क में अपनी बायीं ओर चलने, वाहन चलाने, सडक में वाहन चालन नियमों का प्रयोग करने के तरीको, फायदों के बारे में एवं सड़क में वाहन चालन नियमों का पालन नहीं करने पर होने वाली दुर्घटनाओं एवं विधिक रूप से दण्डात्मक कार्यवाहियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने वन-वे रोड में वाहन चालन नियम, ओवर-स्पीड वाहन न चलाने, यातायात चिन्हों को जानने, समझने, पालन करने, सड़क के मध्य में वाहन न खड़ा करने एवं अतिआत्मविश्वास में वाहन न चलाने संबंधी जानकारी देते हुए कहा कि हमें जीवन एक बार ही मिलता है, इसलिए हम सभी को चाहिए कि उसका अधिक से अधिक सदुपयोग करें।

    श्रीमती पूजा पाठक बौरासी ने कार्यक्रम में बच्चों को भारतीय संविधान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी समाज को अनुशासित रखने के लिए नियमों की आवश्यकता होती है, एक देश, देश के अंदर राज्यों एवं देश में रहने वाले नागरिको, व्यक्तियों को अनुशासित रखने के लिए नियमों के संग्रह को संविधान कहते है, इसी प्रकार हमारे देश का संविधान ’भारत का संविधान’ कहलाता है। उन्होंने बच्चों से कहा कि यदि हमें संविधान एवं नियमों की जानकारी नहीं होगी तो हम पालन किसका करेगे अतः सर्वप्रथम हमें अपने संविधान एवं नियमों की जानकारी रखनी चाहिए एवं साथ ही पालन करना चाहिए। आप सभी को संविधान एवं विधियों की जानकारी हो इसीलिए विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर विद्यालयों, काॅलेजों, अन्य शिक्षा संस्थानों, ग्रामीण क्षेत्रांे, जेलों एवं अन्य स्थानों पर विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाता है।

    श्री मुहम्मद जीलानी जिला विधिक सहायता अधिकारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपस्थित छात्र-छात्राओं को संविधान क्या है, भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारो, मौलिक कत्र्तव्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तथ्यों की भूल क्षम्य है लेकिन विधि की भूल क्षम्य नहीं है।
समाचार क्रमांक 226-2160

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