अशासकीय विद्यालयों के संचालक एवं प्राचार्यो की बैठक आयोजित
पन्ना 26 मार्च 18/कलेक्टर श्री मनोज खत्री के निर्देशन में अपर कलेक्टर श्री अशोक ओहरी की अध्यक्षता में अशासकीय विद्यालयों के संचालक एवं प्राचार्यो की बैठक का आयोजन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में किया गया। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी के.एस. कुशवाहा, जिला योजना अधिकारी (शिक्षा) कैलाश सोनी, जिला परियोजना समन्वयक विष्णु त्रिपाठी, प्राचार्य डाईट आर.पी. भटनागर सहित विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी विकासखण्ड पन्ना, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक जनपद शिक्षा केन्द्र पन्ना एवं स्थानीय नगर के समस्त अशासकीय संस्थाओं के संचालक एवं प्राचार्य उपस्थित रहे।
बैठक में अपर कलेक्टर श्री ओहरी ने कहा कि नवीन शिक्षा सत्र 2 अपै्रल से प्रारंभ होने जा रहा है। पूरे सत्र का संचालन शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप ही किया जाना सुनिश्चित करें। प्राचार्यगण इसमें किसी भी तरह की बाधा आने पर सीधे जिला प्रशासन से सम्पर्क कर सकते हैं। प्राचार्यो द्वारा बताई गई समस्याओं का हर संभव निराकरण किया जाएगा। उन्होंने बैठक के दौरान प्राचार्यो द्वारा बताई गयी विभिन्न समस्याओं का भी मौके पर निराकरण किया गया।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने अशासकीय शालाओं के प्राचार्यो को अवगत कराया कि दिनांक 22.03.2018 को प्रकाशित राजपत्र में 10 प्रतिशत तक फीस बढाने के निर्देश है। लेकिन फीस बढाने का पर्याप्त वैधानिक कारण होना चाहिये। समिति का गठन कर अनुमोदन कराया जाए। बढी हुई फीस में पारदर्शिता होनी चाहिए। इस संबंध में अभिभावकों से सहमति भी प्राप्त कर लेंवे। स्कूल का संचालन केवल लाभ के लिए नही है । कक्षा 11वीं के छात्रों को प्री-बोर्ड की परीक्षा के आधार आगामी कक्षा में प्रावधिक प्रवेश दिया जाए। उन्होंने नये सत्र 2018-19 में छात्रों की मैंपिग एवं प्रोफाइल अपडेशन का कार्य 01 अप्रैल 2018 से प्रारंभ कराने के निर्देश दिए।
बैठक में जिला परियोजना समन्वयक श्री विष्णु त्रिपाठी ने बताया कि शाला में शासन के नियमों के अनुरुप ही फीस का निर्धारण किया जाना है। पुस्तकों तथा गणवेश के क्रय हेतु कोई दुकान अथवा फर्म निर्धारित नही की जानी चाहिए। दो अप्रैल से नवीन शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो रहा है। छात्रों को रूचिकर तरीके से पढाया जाए ताकि सत्र के प्रारंभ से ही बच्चे आनंदित महसूस करें एवं प्रतिदिन विद्यालय आने के लिए प्रोत्साहित हों। बच्चों को जाॅयफुल लर्निंग के लिए सामग्री भी उपलब्ध कराई जाये । बच्चों के प्रवेश के लिए सभी अभिभावकों को जानकारी उपलब्ध कराई जावे। ताकि वह निर्धारित अवधि में आॅनलाईन-आवेदन कर सकें। अभिभावक अन्य स्कूलों में प्रवेश हेतु भी आवेदन करें ताकि बच्चा शिक्षा से वंचित न हो सके। बच्चों के प्रवेश के समय आधार कार्ड का सत्यापन अनिवार्य रूप से कराएं ताकि फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही की जा सके।
समाचार क्रमांक 266-852
बैठक में अपर कलेक्टर श्री ओहरी ने कहा कि नवीन शिक्षा सत्र 2 अपै्रल से प्रारंभ होने जा रहा है। पूरे सत्र का संचालन शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप ही किया जाना सुनिश्चित करें। प्राचार्यगण इसमें किसी भी तरह की बाधा आने पर सीधे जिला प्रशासन से सम्पर्क कर सकते हैं। प्राचार्यो द्वारा बताई गई समस्याओं का हर संभव निराकरण किया जाएगा। उन्होंने बैठक के दौरान प्राचार्यो द्वारा बताई गयी विभिन्न समस्याओं का भी मौके पर निराकरण किया गया।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने अशासकीय शालाओं के प्राचार्यो को अवगत कराया कि दिनांक 22.03.2018 को प्रकाशित राजपत्र में 10 प्रतिशत तक फीस बढाने के निर्देश है। लेकिन फीस बढाने का पर्याप्त वैधानिक कारण होना चाहिये। समिति का गठन कर अनुमोदन कराया जाए। बढी हुई फीस में पारदर्शिता होनी चाहिए। इस संबंध में अभिभावकों से सहमति भी प्राप्त कर लेंवे। स्कूल का संचालन केवल लाभ के लिए नही है । कक्षा 11वीं के छात्रों को प्री-बोर्ड की परीक्षा के आधार आगामी कक्षा में प्रावधिक प्रवेश दिया जाए। उन्होंने नये सत्र 2018-19 में छात्रों की मैंपिग एवं प्रोफाइल अपडेशन का कार्य 01 अप्रैल 2018 से प्रारंभ कराने के निर्देश दिए।
बैठक में जिला परियोजना समन्वयक श्री विष्णु त्रिपाठी ने बताया कि शाला में शासन के नियमों के अनुरुप ही फीस का निर्धारण किया जाना है। पुस्तकों तथा गणवेश के क्रय हेतु कोई दुकान अथवा फर्म निर्धारित नही की जानी चाहिए। दो अप्रैल से नवीन शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो रहा है। छात्रों को रूचिकर तरीके से पढाया जाए ताकि सत्र के प्रारंभ से ही बच्चे आनंदित महसूस करें एवं प्रतिदिन विद्यालय आने के लिए प्रोत्साहित हों। बच्चों को जाॅयफुल लर्निंग के लिए सामग्री भी उपलब्ध कराई जाये । बच्चों के प्रवेश के लिए सभी अभिभावकों को जानकारी उपलब्ध कराई जावे। ताकि वह निर्धारित अवधि में आॅनलाईन-आवेदन कर सकें। अभिभावक अन्य स्कूलों में प्रवेश हेतु भी आवेदन करें ताकि बच्चा शिक्षा से वंचित न हो सके। बच्चों के प्रवेश के समय आधार कार्ड का सत्यापन अनिवार्य रूप से कराएं ताकि फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही की जा सके।
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