जिले में मनाया गया अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस वरिष्ठ नागरिकों को शाॅल-श्रीफल देकर किया सम्मानित कुर्सी दौड में उत्साहपूर्वक दिखायी सहभागिता, जिले की अति बुजुर्ग श्रीमती सरयू यादव को मिला शतायु सम्मान

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री रविराज सिंह यादव द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र के समक्ष माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। अतिथियों के सम्मान के उपरांत कार्यक्रम की आयोजक संचालक जनजागरण एवं समाज उत्थान परिषद डाॅ. दुर्गा त्रिपाठी द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य और रूपरेखा से सभी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासंघ द्वारा वरिष्ठजनों के आत्मसम्मान के लिए अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाने की परम्परा शुरू की गयी है। भारतीय संविधान में भी बुजुर्गो की सामाजिक सुरक्षा के संबंध में प्रावधान किए गए हैं। आधुनिकीकरण के इस युग में समाज और युवा तो आगे बढ रहे हैं लेकिन अपने बुजुर्गो को पीछे छोडते जा रहे हैं। बुजुर्गो का वही सम्मान बना रहे जो उनके सक्रिय रहने की अवस्था में होता था इसी उद्देश्य से आज उन्हें सम्मानित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिकों का प्रतिनिधित्व करते हुए श्री बालमुकुन्द जी ने कविता की पंक्तियों के माध्यम से कहा कि ’’कभी हम भी रोशनी सितारे थे, मौसमी फूलों की तरह हमारे भी नजारे थे’’। उन्होंने कहा कि वक्त के साथ जो जनरेशन गेप बढ रहा है वह दुखद है। आज हम सभी बुजुर्गो को सम्मानित किया जा रहा है। हमारी पीडा को समझते हुए हमे आत्मीय सम्मान दिया जा रहा है, इसकी हमें बडी प्रसन्नता है। शासन ने हम बुजुर्गो के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं चलाई है, पेंशन की व्यवस्था की है तथा यात्राओं के शुल्क में रियायत दी है इसके लिए हम शासन के शुक्रगुजार हैं। उन्होंने अपने सभी साथियों का मनोबल बढाते हुए कहा कि अपना आत्म बल बनाए रखें और उम्र से न खबराएं। अपनी अंतिम सांस तक अपने परिवार, समाज और देश के लिए जितना कर सकते हैं वह प्रयास हमेशा जारी रखें।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री रविराज सिंह यादव ने कहा कि हमारे बुजुर्गो ने ही हमें जीवन जीना सिखाया है, आगे बढने का रास्ता दिखाया है। हमें जीवन में जब भी कोई परेशानी आती है तो अपने बुजुर्गो का अनुभव उन्हें चुटकियों मंे दूर कर देता है। वे बच्चे भाग्यशाली हैं जिन्हें अपने माता-पिता और बुजुर्गो के साथ रहने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गो के साथ-साथ वे बच्चे भी सम्मान के पात्र हैं जिन्होंने हर परिस्थिति में अपने माता-पिता की जिम्मेदारी उठाते हुए उन्हें अपने साथ रखा है। उन्होंने प्रार्थना करते हुए कहा कि बुजुर्गो का आशीर्वाद सभी परिवारों, समाज और देश को मिलता रहे। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री कुशवाहा ने कहा कि आज जो वृद्धजन हैं उन्ही में से ही कुछ हमारे गुरू, मार्गदर्शक और प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं। उनमें आज भी यह क्षमता है। उन्होंने सभी बुजुर्गो से खाली समय में अपनी इन क्षमताओं का उपयोग करते हुए अगली पीढी को संस्कारित बनाने का आव्हान किया। विशेषकर उन्हें बुरी आदतों से दूर रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील की। विशिष्ट अतिथि श्री सतानन्द गौतम ने कहा कि पहले घर-परिवार में बुजुर्गो का ही नियंत्रण एवं अनुशासन रहता था लेकिन अब वैश्वीकरण के कारण परिस्थितियां बदल रही हैं। पर भारत में स्थितियां फिर भी बेहतर हैं। बुजुर्ग हमारी पूंजी हैं, उनसे हमे संबल मिलता है। यदि हम अपने बुजुर्गो के साथ गलत व्यवहार करेंगे तो हमारी अगली पीढी हमारे साथ उससे कई गुना व्यवहार करेगी।
कार्यक्रम के अंत में उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग श्री अशोक चतुर्वेदी ने सभी अतिथियों एवं बुजुर्गजनों का आभार व्यक्त करते हुए उनके उत्तम स्वास्थ्य और सुखमय जीवन की कामना की। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन सेवानिवृत्त अधिकारी एवं कवि श्री एस.के. चनपुरिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम में राज परिवार के बुजुर्ग श्री लोकेन्द्र सिंह सहित बडी संख्या में वरिष्ठजन मौजूद रहे।
समाचार क्रमांक 02-3117
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