ष्स्तनपान जीवन का आधारष् की थीम पर आय¨जित ह¨गा विश्व स्तनपान सप्ताह 2018

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में प्रति वर्ष जन्म लेने वाले 14 लाख बच्च¨ं में से केवल 4.80 लाख बच्च¨ं क¨ जन्म के तुरंत बाद जीवन रक्षक खीस (क¨ल्स्ट्रम) मिलता है, अर्थात 9.20 लाख बच्चे इससे वंचित रह जाते हैं। मात्र 8.20 लाख बच्च¨ं क¨ छरू माह तक केवल माँ का दूध दिया जाता है, अर्थात 5.80 लाख बच्चे इससे वंचित रहते हैं। जन्म से 24 घण्टे के बाद स्तनपान शुरू कराने से म©त का खतरा 2.4 गुना बढ़ जाता है। स्तनपान अ©र ऊपरी आहर से शिशु मृत्यु दर में 19 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है।
इस परिपेक्ष्य में बच्च¨ं के स्वास्थ्य के लिये स्तनपान की महत्ता के प्रति उन्मुखीकरण के लिये संभाग, जिला, परिय¨जना तथा आँगनवाड़ी स्तर पर गतिविधियाँ संचालित की जायेंगी। इनमें स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, कृषि विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित स्व-सहायता समूह¨ं तथा एनसीसी का सहय¨ग भी लिया जा रहा है। काॅलेज स्टूडेंट जिल¨ं के मेटरनिटी ह¨म्स में भ्रमण कर महिलाअ¨ं क¨ आवश्यक सलाह देंगे। आँगनवाडी स्तर पर अंतिम त्रैमास की गर्भवती महिलाअ¨ं के घर-घर जाकर जन्म के एक घण्टे के अन्दर स्तनपान की समझाईश अ©र परिवारजन क¨ शपथ दिलाने अ©र शंका समाधान जैसी गतिविधियाँ संचालित की जायेंगी। वातावरण निर्माण के लिये रैली, नुक्कड़ नाटक, सेमीनार,क्विज, स्ल¨गन लेखन जैसी गतिविधियाँ भी संचालित की जायेंगी।
समाचार क्रमांक 18-2272
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