जनवार में आदिवसी कृषकों को कद्दू वर्गीय सब्जियों पर तकनीकी सलाह
पन्ना 30 जुलाई 18/कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना के डाॅ. बी. एस. किरार वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा विगत दिवस गांव जनवार में आदिवासी कृषकों गुलजारीलाल, चन्दाबाई लेखराम, कुन्जी, राजेश, राजू, लखन, मनमोहन आदि द्वारा खेतों पर कद्दूवर्गीय सब्जियों के विपुल उत्पादन हेतु तकनीकी जानकारी दी गई। वैज्ञानिकों की सलाह से एक ही थाला में खीरा, लौकी और सेम लगाई गई है।
वैज्ञानिक डाॅ0. किरार कृषकों को सलाह दी है कि फसल की शीघ्र निंदाई-गुड़ाई करें और बेल वाली फसलों से अच्छे गुणवत्तायुक्त फल प्राप्त करने हेतु लकड़ी की गैंडा गड़ा करके उस पर जी.आई. तार बांध कर उन पर झाडी की ढगाले खेत में गड़ा कर बेल चढ़ा दी जाती है साथ ही कृषकों को पत्ती खाने वाले कीडे के नियंत्रण हेतु प्रोफेनोफास 50 ई.सी. या क्विनाॅफाॅस 25 ई. सी. 2 मि.ली. प्रति ली. पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। करेला और भिण्डी में पीला रोग के लक्षण दिखने पर इमिडाक्लोप्रिड 17.18 प्रतिशत, एस. एल. 80-100 मिली. प्रति एकड़ घोल छिड़के।
उन्होंने बताया कि उड़द में नींदानाशक इमेजाथापर दवा 250 मिली./एकड़ की दर से 200 ली. पानी में घोल बनाकर स्पे्रयर में फ्लेटफैन या कट नोजल से छिड़काव करें। कृषि वैज्ञानिक के जनवार में कृषकों के बीच में 4 वर्ष से नियमित भ्रमण एवं कृषक संगोष्ठी के प्रभाव से 16 आदिवासी कृषक एक क्लस्टर में कद्दूवर्गीय सब्जियां पैदा कर रहे हैं और उन्हें सिंचाई सुविधा बढ़ाने की भी सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि कृषकों द्वारा इस वर्ष ट्यूवबेल खन्न करा लिया है अब आदिवासी कृषक उस भूमि पर साल भर में 3 फसलें उगायेगा। जिससे उन्हें साल भर रोजगार भी मिलेगा और आय में भी कई गुना वृद्धि होगी।
समाचार क्रमांक 394-2228
वैज्ञानिक डाॅ0. किरार कृषकों को सलाह दी है कि फसल की शीघ्र निंदाई-गुड़ाई करें और बेल वाली फसलों से अच्छे गुणवत्तायुक्त फल प्राप्त करने हेतु लकड़ी की गैंडा गड़ा करके उस पर जी.आई. तार बांध कर उन पर झाडी की ढगाले खेत में गड़ा कर बेल चढ़ा दी जाती है साथ ही कृषकों को पत्ती खाने वाले कीडे के नियंत्रण हेतु प्रोफेनोफास 50 ई.सी. या क्विनाॅफाॅस 25 ई. सी. 2 मि.ली. प्रति ली. पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। करेला और भिण्डी में पीला रोग के लक्षण दिखने पर इमिडाक्लोप्रिड 17.18 प्रतिशत, एस. एल. 80-100 मिली. प्रति एकड़ घोल छिड़के।
उन्होंने बताया कि उड़द में नींदानाशक इमेजाथापर दवा 250 मिली./एकड़ की दर से 200 ली. पानी में घोल बनाकर स्पे्रयर में फ्लेटफैन या कट नोजल से छिड़काव करें। कृषि वैज्ञानिक के जनवार में कृषकों के बीच में 4 वर्ष से नियमित भ्रमण एवं कृषक संगोष्ठी के प्रभाव से 16 आदिवासी कृषक एक क्लस्टर में कद्दूवर्गीय सब्जियां पैदा कर रहे हैं और उन्हें सिंचाई सुविधा बढ़ाने की भी सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि कृषकों द्वारा इस वर्ष ट्यूवबेल खन्न करा लिया है अब आदिवासी कृषक उस भूमि पर साल भर में 3 फसलें उगायेगा। जिससे उन्हें साल भर रोजगार भी मिलेगा और आय में भी कई गुना वृद्धि होगी।
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