कुपोषण दूर करने और स्वास्थ्य लाभ में उपयोगी साबित हो रहा मुनगा

शाहनगर निवासी अंजू यादव बताती हैं कि उनके बेटे विकास यादव उम्र 2 वर्ष का स्वभाव चिडचिडा होता जा रहा था। भूख न लगने से वजन कम होता जा रहा था और स्फूर्ति भी घट रही थी। माह फरवरी 2018 में विकास का वजन लगभग 9 किलो था। आंगनवाडी कार्यकर्ता द्वारा मुनगे के लाभों से अवगत कराते हुए मुनगे का उपयोग करने की विधियां बताई गयी। जिसके बाद मैंने मुनगे की पत्तियों को सूखाकर डिब्बा बंद कर रखा और दाल, सब्जी मंे 2 से 3 चम्मच का उपयोग करने लगी। आटा गूथने में भी सूखी पत्तियों का पाउडर उपयोग किया। इसके साथ ही अन्य भोजन सामग्रियों में भी मुनगे की पत्तियों का उपयोग करने लगी। इससे मेरे बेटे के वजन और स्वास्थ्य में बडा बदलाव आया है। 5 महीने में ही उसका वजन बढकर लगभग 12 किलो ग्राम हो गया है। खेलकूद में भी स्फूर्ति आयी है और वह भी अब सामान्य बच्चों की तरह व्यवहार करने लगा है।
इसी तरह शाहनगर की ही गर्भवती महिला विमला चैधरी उम्र 27 वर्ष बताती हैं कि मार्च 2018 में मेरा वजन लगभग 46 किलो ग्राम था। परियोजना अधिकारी और आंगनवाडी कार्यकर्ता की सलाह पर मैंने मुनगे का नियमित उपयोग शुरू कर दिया। इससे मेरे वजन में निरंतर वृद्धि होकर लगभग 53 किलोग्राम हो गया है। मेरा हीमोग्लोबिन भी 7.30 से बढकर 9.9 हो गया है। अब मुझे समय-समय पर भूख लगती है, शरीर में अधिक स्फूर्ति महसूस होती है, थकावट भी नही लगती और बच्चे का विकास भी ठीक तरह से हो रहा है। मुनगे के उपयोग से ही यह सब सकारात्मक बदलाव महसूस कर पा रही हॅू। जिला प्रषासन द्वारा यही अपील है कि जिले की अन्य सभी महिलाओं एवं बच्चों को विषेषकर कुपोषित बच्चों को मुनगे का सेवन आवष्यक रूप से कराएं , सबके सामूहिक प्रयासों से निष्चित ही कुपोषण की जंग जीती जा सकती है।
समाचार क्रमांक 384-2318
Comments
Post a Comment