स्वच्छ विद्यालय अभियान के लिए निर्देश जारी
पन्ना 29 जुलाई 18/प्रदेश में स्वच्छ विद्यालय अभियान के अंतर्गत सरकारी स्कूल¨ं में कार्य-य¨जना बनाकर स्वच्छ भारत की परिकल्पना के अनुसार कार्य शुरू किया गया है। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार 2 अक्टूबर 2019 तक सभी कार्य पूर्ण किया जाना है। इस संबंध में कलेक्टर श्री मनोज खत्री ने राज्य षिक्षा केन्द्र द्वारा जारी कार्ययोजना अनुसार सभी कार्य निर्धारित समय तक पूर्ण करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देष दिए हैं।
उन्होंने निर्देष दिये हंै कि सभी सरकारी स्कूल¨ं में बालक-बालिकाअ¨ं के लिए पृथक-पृथक श©चालय¨ं का निर्माण अ©र उनका विधिवत संधारण किया जाये। श©चालय¨ं की नियमित सफाई अनिवार्य रूप से की जाये। श©चालय¨ं की मरम्मत के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की स्टाम्प शुल्क वसूली की राशि में प्रावधान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक शाला क¨ सफाई व्यवस्था के लिए अलग से राशि दी गई है।
शासकीय शालाअ¨ं में न्यूनतम एक पेयजल स्र¨त के व्यवस्था के लिए ल¨क स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से सहय¨ग लेने के लिये कहा गया है। शाला में उपलब्ध पेयजल की शुद्धता की नियमित जाँच करवाई जाये। शालाअ¨ं में मध्यान्ह भ¨जन के पूर्व पढ़ने वाले विद्यार्थिय¨ं के हाथ साबुन से अनिवार्य रूप से धुलवायें जायें। इसकी आदत बच्च¨ं में विकसित की जाये। बच्चे स्वच्छता के महत्व क¨ समझ सकें, इसक¨ दर्शाते हुए संदेश दीवार¨ं पर लिखवाये जायें। शालाअ¨ं में गंदे पानी के निस्तार की पक्की व्यवस्था की जाये। शाला परिसर में जल संरक्षण की व्यवस्था भी की जाये। साथ ही प्रत्येक सरकारी स्कूल में हरियाली अभियान के अंतर्गत प©ध-र¨पण अनिवार्य रूप से करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी क¨ इन कायर्¨ की स्कूल शिक्षा विभाग के मैदानी अमले के साथ नियमित समीक्षा करने के लिए भी कहा गया है।
समाचार क्रमांक 386-2320
उन्होंने निर्देष दिये हंै कि सभी सरकारी स्कूल¨ं में बालक-बालिकाअ¨ं के लिए पृथक-पृथक श©चालय¨ं का निर्माण अ©र उनका विधिवत संधारण किया जाये। श©चालय¨ं की नियमित सफाई अनिवार्य रूप से की जाये। श©चालय¨ं की मरम्मत के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की स्टाम्प शुल्क वसूली की राशि में प्रावधान किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक शाला क¨ सफाई व्यवस्था के लिए अलग से राशि दी गई है।
शासकीय शालाअ¨ं में न्यूनतम एक पेयजल स्र¨त के व्यवस्था के लिए ल¨क स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से सहय¨ग लेने के लिये कहा गया है। शाला में उपलब्ध पेयजल की शुद्धता की नियमित जाँच करवाई जाये। शालाअ¨ं में मध्यान्ह भ¨जन के पूर्व पढ़ने वाले विद्यार्थिय¨ं के हाथ साबुन से अनिवार्य रूप से धुलवायें जायें। इसकी आदत बच्च¨ं में विकसित की जाये। बच्चे स्वच्छता के महत्व क¨ समझ सकें, इसक¨ दर्शाते हुए संदेश दीवार¨ं पर लिखवाये जायें। शालाअ¨ं में गंदे पानी के निस्तार की पक्की व्यवस्था की जाये। शाला परिसर में जल संरक्षण की व्यवस्था भी की जाये। साथ ही प्रत्येक सरकारी स्कूल में हरियाली अभियान के अंतर्गत प©ध-र¨पण अनिवार्य रूप से करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी क¨ इन कायर्¨ की स्कूल शिक्षा विभाग के मैदानी अमले के साथ नियमित समीक्षा करने के लिए भी कहा गया है।
समाचार क्रमांक 386-2320

Comments
Post a Comment