प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन आज वीडियो कान्फ्रेन्स में दिए गए निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें-कलेक्टर

उन्होंने कहा है कि 31 जुलाई को प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन विधिवत किया जाए। दिनांक 19 जनवरी 2018 केा मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हुआ था जिसके बाद डोर-टू-डोर सर्वे में प्राप्त फार्म फीड किए गए। दिनांक 19 जनवरी 2018 से प्रारूप मतदाता सूची तक के सप्लीमेन्ट्री वोटर लिस्ट भी राजनैतिक दलों को उपलब्ध कराई जाए। डोर-टू-डोर सर्व सर्वे का कार्य अच्छा हुआ है किन्तु यदि किसी बीएलओ ने कार्य में कमी की हो या त्रुटि हो तो प्रारूप मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद बीएलओ से बाकी का काम पूरा कराया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी मतदान केन्द्रों में शतप्रतिशत काम बीएलओ द्वारा पूरा हो। दिनांक 31 जुलाई 2018 के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की वेबसाईट पर पब्लिक डोमिन में समस्त गतिविधियों प्रदर्शित होगी जिसमें प्राप्त होने वाले दावा आपत्ति का विवरण भी दर्ज करने का आप्शन दिया जाएगा। सभी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी प्रतिदिन की रिर्पोट जिला निर्वाचन कार्यालय को भेजें।
उन्होंने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग चाहता है कि निष्पक्ष एवं निर्विघ्न तथा पारदर्शी तरीके से मतदाताओं का विश्वास अर्जित करते हुए चुनाव कराए जाएं। जो निःशक्त मतदाता है उनके फार्म बीएलओ संबंधित के निवास पर जाकर एकत्रित करेगा एवं कार्यवाही कराएगा। डोरटूडोर सर्वे में जो पीपुल्स बिथ डिसेबिलटी (पीडब्लूडी) के आंकडे प्राप्त हो रहे हैं उनका समग्र एवं निःशक्तजन की वेबसाईट में दर्शित आंकडों से मीलान कराया जाए और जो भिन्नता हो उसे सुधारा जाए। महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि जैसे वर्तमान एवं पूर्व विधायक, सांसद, अन्य पदों पर आसीन राजनेता के नाम मतदाता सूची में है इसकी पुष्टि की जाए और यदि किसी तकनीकी या अन्य त्रुटि के कारण उनके नाम मतदाता सूची में न हो तो उनके नाम मतदाता सूची में शामिल कराए जाए। वीवीपीएटी का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कराया जाए और ईव्हीएम के प्रति मतदाताओं का विश्वास बढाया जाए। वीवीपीएटी में मतदाताआंे को दिखाया जाए कि वे जिसे मत दे रहे है ईव्हीएम में मत उसी उम्मीदवार को जा रहा है जिसकी पुष्टि वीवीपीएटी मशीन में मुद्रित होने वाली पर्ची कर रही है। वीवीपीएटी मशीन आने के बाद वोट कास्ट में जो पहले समय लगता था उसमें अंतर आया है। पहले एक मिनट में लगभग 5 वोट कास्ट होते थे जो अब लगभग 4 वोट प्रति मिनट कास्ट होंगे। जिला निर्वाचन प्रबंधक योजना डीईएमपी सावधानीपूर्वक तैयार करें अभी तक जो काम हो गया है उसे भेजे एवं उसे समय समय पर अपडेट करते रहे। कही कोई नार्मल से हटकर कोई बात होती है तो सतर्क रहे। किसी मतदान केन्द्र में बहुत अधिक नाम शामिल किए जा रहे हो या काटे जा रहे हो तो इसमें गडबडी की संभावना ज्यादा रहती है इसलिए सतर्क रहें।
उन्होंने बताया कि माह अगस्त में भारत निर्वाचन आयोग के मध्यप्रदेश के प्रभारी श्री चन्द्रभूषण एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा संभागीय स्तर पर निर्वाचन के कार्य की समीक्षा की जाएगी। माह अगस्त 2018 में ही आयोग का प्रथम भ्रमण भोपाल मे होगा जिसमें आयोग द्वारा संभागीय कमिश्नर, कलेक्टर्स, आईजी एवं पुलिस अधीक्षक की बैठक ली जाएगी। आयोग की दूसरी विजिट आचार संहिता लगने के बाद होगी। रिटर्निंग आफिसर एवं सहायक रिटर्निंग आफिसर की चेकलिस्ट के हर आईटम पर संतुष्ट होना आवश्यक है कि चेकलिस्ट में जो समय निर्धारित है उसके अनुसार काम हुआ है। ईआरओ नेट में डेमोग्राफिक्स सिमलर एन्ट्री में एक आप्शन दिया गया है ििजसमें यदि 21 वर्ष से अधिक मतदाता का नाम नया जोडा जाता है तो संबंधित व्यक्ति के नाम से मिलता जुलता जो भी नाम फीड होगा वह रिफलेक्ट होगा इसलिए नाम जोडते समय यह पता लग जाएगा कि जिस व्यक्ति का नाम जोड रहे है उसका नाम पूर्व से किस मतदान केन्द्र पर दर्ज है ताकि दोहरी प्रविष्टि न हो। दिनांक 31 जुलाई 2018 के बाद लाजिकल एरर सुधारें। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रकाशित मैनुअल का रिटर्निंग आफिसर अध्ययन करें एवं नियमों से अपडेट करें। निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें तथा की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं।
समाचार क्रमांक 391-2225
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