तेजस्वनी से जुड़कर आत्मनिर्भर बनी अच्छी बाई

पन्ना 23 अगस्त 18/घर गृहस्थी के संचालन में महिलाओं द्वारा की जाने वाली छोटी-छोटी बचतें भी विपत्ति के समय बड़ी महत्वपूर्ण साबित होती हैं। महिलाओं में नैसर्गिक रूप से विद्यमान बचत के इसी गुण का उपयोग शासन द्वारा महिला स्वसहायता समूहों का गठन और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में किया जा रहा है। तेजस्वनी महिला सषक्तिकरण कार्यक्रम से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने वाली महिलाओें में पन्ना जिले के ग्राम टिकरिया की अच्छी बाई भी शामिल हो गई हैं।

       अच्छी बाई पहले मजदूरी कर अपने परिवार की आजीविका चलाती थीं। तेजस्वनी ग्रामीण महिला सषक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत लोकेषन लक्ष्मीबाई तेजस्वनी महासंघ गुन्नौर  के क्लस्टर हिनौती के ग्राम टिकरिया में कृष्णा तेजस्वनी महिला स्व-सहायता समूह का गठन 30 मई 2017 को किया गया। इस समूह में 13 सदस्य हैं। जिनमें से एक सदस्य अच्छी बाई हैं। इस समूह की कुछ सदस्य मजदूरी एवं खेती कर अपना परिवार चलाती हैं। अच्छी बाई ने समूह से जुडने के बाद रिवाॅल्विंग फण्ड की राषि लोन के रूप में ली। जिससे उसने अपनी आजीविका बढ़ाने के लिये मनिहारी का कार्य करना शुरू कर दिया। अच्छी बाई के पास इस वक्त मनिहारी का सामान खरीदने के लिये ज्यादा पैसे नहीं थे। तब अच्छी बाई ने रिवाल्विंग फण्ड और समूह की बचत राशि से लोन लेकर मनिहारी का कार्य बड़े रूप में प्रारंभ कर दिया। इससे उसे 900 से 1000 रूपये प्रतिदिन (सीजन पर) और वर्ष के सम्पूर्ण दिनों में औसत 200 रूपये प्रतिदिन की आय होने लगी। इस तरह उसे 8000 से 10000 रूपये प्रतिमाह की आमदनी आसानी से हो जाती है। अब अच्छी बाई को औंरों के घर मजदूरी नहीं करनी पड़ती, आमदनी भी पहले से अच्छी हो गई है। अब उसके पति भी रोजगार की तलाष में भटकते नहीं है, उसकी मदद करते है। अच्छी बाई के आत्मनिर्भर बनने से उसका पूरा परिवार खुषी-खुषी जीवन यापन करने लगा है।
समाचार क्रमांक 295-2546

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