वैज्ञानिकों द्वारा गुखौर में उड़द प्रदर्शन फसलों पर भ्रमण कर दी तकनीकी सलाह

उन्होंने बताया कि कुछ खेतों में खड़ी फसल में पीला मोजेक रोग का प्रकोप पाया गया जो सफेद मक्खी से फैलता है सफेद मक्खी एवं हरा फुदका के नियंत्रण के लिए थायोमेथाक्जाम या इमिडाक्लोप्रिड नामक दवा 80-100 मिली. दवा प्रति एकड़ 200 ली. पानी का घोल बनाकर छिड़काव करें। उड़द फसल के प्रमुख रोग मुख्यतः पीला चित्ता रोग, पर्णव्यकुंचन रोग, सर्कोस्पोरा पत्ती बंुदकी रोग, श्याम वर्ण, चारकोल झुलसा (मेक्रोफेमिना) एवं चूर्णी फफूंद आदि रोग लगते हैं। जिसके निदान के लिए फसल में रोग लगने पर बीमारियों के लिए चूर्णी फफूंद के लिए काॅपर आक्सीक्लोराइड 2.5-3 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर या घुलनशील गंधक 3 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव एवं अन्य बीमारियों के लिए कार्बेन्डाजिम या बेनलेट या मेन्कोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर दवा पानी 500 लीटर हेक्टेयर पानी प्रयोग करें। पीले पौधे खेत में एक दो जगह दिखाई देने पर सावधानी से निकाल कर जमीन में गाड़ दें और सफेद मक्खी के नियंत्रण हेतु मेटासिस्टाॅक्स 1 मिली. या डाईमेथोऐट 2 मिली. प्रति ली. पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
समाचार क्रमांक 424-2675
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