जिला जेल पन्ना में साक्षरता शिविर आयोजित

पन्ना 07 जून 18/जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पन्ना श्री राजेश कुमार कोष्टा के कुशल मार्गदर्शन में जिला जेल पन्ना में श्री रवि कुमार बौरासी-न्यायिक मजिस्टेªट जिला न्यायालय पन्ना के मुख्य आतिथ्य एवं श्रीमती पूजा पाठक बौरासी-प्रशिक्षु न्यायाधीश, श्री मुहम्मद जीलानी जिला विधिक सहायता अधिकारी पन्ना, श्री सत्यभान मिश्रा जेल उप-अधीक्षक जिला जेल पन्ना, सहायक जेल उपअधीक्षक श्रीमती मंजू कुजूर जिला जेल पन्ना, श्री सुरेन्द्र सिंह परमार अधिवक्ता, श्री आशीष बोस पैरालीगल वालेन्टियर की सहभागिता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।

     श्री रवि कुमार बौरासी-न्यायिक मजिस्टेªट जिला न्यायालय पन्ना ने शिविर में उपस्थित बंदियों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए बंदियों की समक्ष अनुसार सरल एवं सहज शब्दों में विधिक साक्षरता की जरूरत एवं महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि आजाद भारत में बंदियों के लिए जेलों में सुधारात्मक व्यवस्था अपनायी गई है, जबकि आजादी से पूर्व दण्डात्मक व्यवस्था थी। श्री बौरासी ने बंदियों को समझाइस देते हुए कहा कि यदि भूल, आवेश अथवा अन्य किसी कारणवश कोई अपराध हो गया हो, या कर दिया गया हो और विधि अनुसार आप जेल में बंदी हो, तब भी आप प्रथमतः मनुष्य है साथ ही भारतीय नागरिक है जेल में बंदी रहने के दौरान भी विधि द्वारा प्रदत्त अधिकार एवं संरक्षण आपको सुलभ होगे साथ ही निर्धारित कारावास पूरा करने अथवा जेल से छूटने उपरांत आप नये सिरे से अपनी जिंदगी में रंग भर सकते हैं। आपने सभी विचाराधीन बंदियों एवं अपीलीय मामलों के बंदियों को अपने अधिवक्ता से लगातार सम्पर्क रखने एवं अपनी बात सही ढंग से पहुचाने के महत्व को बताया साथ ही जिन बंदियों के पास अधिवक्ता नहीं है यदि वह नियमानुसार पात्रता रखते है तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से उन्हें निःशुल्क अधिवक्ता सहायता उपलब्ध कराई जावेगी।

    श्रीमती पूजा पाठक बौरासी प्रशिक्षु न्यायाधीश ने बंदियो को ’प्ली बारगेनिंग’ के बारे में बताते हुए कहा कि ’प्ली बारगेनिंग’ दाण्डिक मामले का समझौते के आधार पर अंतिम निराकरण हेतु एक अनुबंध है, जो कि न्यायालय के निर्देशन एवं नियंत्रण में होता है। प्ली-बारगेनिंग परिवादी की शिकायत पर न्यायालय द्वारा संज्ञान लिये गये मामले में अभियुक्त एवं पीड़ित के मध्य होता है एवं पुलिस द्वारा प्रस्तुत मामले में यह अनुबंध अभियुक्त, मामले के अनुसंधानकर्ता, अभियोजक एवं पीड़ित के मध्य होता है। कोई अभियुक्त जो कि 18 वर्ष से अधिक आयु का है और वह स्वैच्छिक रूप से ’प्ली बारगेनिंग’ करने हेतु अपराध एवं मामले का संक्षिप्त विचारण, शपथ पत्र सहित आवेदन पत्र उसी न्यायालय में जिसमें मामला चल रहा है प्रस्तुत कर सकता है।

    श्री मुहम्मद जीलानी जिला विधिक सहायता अधिकारी पन्ना ने बंदियो के बीच अपनी बात रखते हुए कहा कि न्याय सबके लिये है एवं न्याय से कोई वंचित न हो इसीलिए जेल में समय-समय पर विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाकर आप लोगो को आपके अधिकारो के बारे में जानकारी प्रदान कर जागरूक किया जाता है साथ ही आपने निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह के बारे में जानकारी दी।

    श्री सुरेन्द्र सिंह परमार अधिवक्ता ने जमानतीय एवं अपीलीय उपबंधो के बारे में जानकारी दी। श्री आशीष बोस ने बंदियो से कहा कि कारावास को सजा नहीं बल्कि प्रायश्चित्त माने। एवं जेल उप अधीक्षक श्री सत्यभान मिश्रा में कार्यक्रम के अंत में आभार प्रकट करते हुए बंदियों को अच्छे आचरणों को जीवन में अमल में लाने की समझाइस दी। शिविर में जिला जेल पन्ना स्टाॅफ, सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पन्ना का स्टाॅफ, जिला जेल में नियुक्त दण्डित बंदी पैरालीगल वालेन्टियर्स एवं काफी संख्या में बंदीजन उपस्थित रहे।
समाचार क्रमांक 97-1655

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