जिला जेल पन्ना में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित
पन्ना 01 फरवरी 18/जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजेश कुमार कोष्टा के कुशल मार्गदर्शन में जिला जेल पन्ना में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। श्री आमोद आर्य मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पन्ना के मुख्य आतिथ्य एवं श्री मुहम्मद जीलानी जिला विधिक सहायता अधिकारी एवं श्री सत्यभान मिश्रा जेल उप अधीक्षक पन्ना की सहभागिता में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री आर्य ने शिविर में बंदियों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों, निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह के बारे में जानकारी प्रदान की। साथ ही बंदियों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी सुविधाओं, जेल की खान-पान व्यवस्थाओं एवं स्वच्छता संबंधी विषयों के बारे में जानकारी लेते हुए इस संबंध में संबंधितों को निर्देश करते हुए बंदियों के हितार्थ अन्य कानूनी विषयों के बारे में सारगर्भित जानकारी प्रदान की। उन्होंने बंदियों को जेल में रहते हुए सुधारात्मक रूप से जीवन जीने एवं भविष्य में अपराधों से दूर रहने हेतु प्रोत्साहित किया।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री जीलानी ने शिविर में उपस्थित बंदियों को प्ली बारगेनिंग की जानकारी देते हुए बताया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अध्याय 21-ए के रूप में ’प्ली-बारगेनिंग’ का प्रावधान जोडा गया है। ’प्ली बारगेनिंग’ दाण्डिक मामले का समझौते के आधार पर अंतिम निराकरण हेतु एक अनुबंध है जो कि न्यायालय के निर्देशन एंव नियंत्रण में होता है। प्ली-बारगेनिंग परिवादी की शिकायत पर न्यायालय द्वारा संज्ञान लिए गए मामले में अभियुक्त एवं पीडित के मध्य होता है एवं पुलिस द्वारा प्रस्तुत मामले में यह अनुबंध अभियुक्त, मामले के अनुसंधानकर्ता, अभियोजक एवं पीडित के मध्य होता है।
उन्होंने प्ली-बारगेनिंग विषय में और विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कोई अभियुक्त जो कि 18 वर्ष से अधिक आयु का है और वह स्वैच्छिक रूप से प्ली-बारगेनिंग करने हेतु अपराध एवं मामले का संक्षिप्त विचारण, शपथ पत्र सहित आवेदन पत्र उसी न्यायालय में जिसमें मामला चल रहा है प्रस्तुत कर सकता है। उन्होंने बताया कि प्ली-बारगेनिंग के लिए आवेदन प्रस्तुत नही किया जा सकता जहां अपराध 7 वर्ष से अधिक के कारावास से दण्डनीय हो, महिला या 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे के विरूद्ध अपराध कारित किया गया हो, देश की सामाजिक एंव आथिक स्थिति को प्रभावित करता है, अभियुक्त एक बार प्ली-बारगेनिंग का लाभ उठा चुका है एवं अभियुक्त उसी अपराध के लिए पूर्व में दोषसिद्ध हो चुका है। उन्होंने निःशुल्क विधिक सहायता, लीगल एड क्लीनिक योजना विनियम 2011, जेल लोक अदालत, बंदियों के अधिकार संबंधित विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
उप अधीक्षक जिला जेल पन्ना श्री मिश्रा ने शिविर में उपस्थित बंदीजनों को विधिक प्राधिकरण द्वारा संचालित निःशुल्क विधिक सहायता व सलाह एवं लीगल एड क्लीनिक से लाभान्वित होने के लिए प्रेरित किया। शिविर में जिला जेल पन्ना स्टाॅफ सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पन्ना का स्टाॅफ, जिला जेल में नियुक्त दण्डित बंदी पैरालीगल वालेन्टियर्स एवं बंदीजन उपस्थित रहे।
समाचार क्रमांक 07-287
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री आर्य ने शिविर में बंदियों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों, निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह के बारे में जानकारी प्रदान की। साथ ही बंदियों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी सुविधाओं, जेल की खान-पान व्यवस्थाओं एवं स्वच्छता संबंधी विषयों के बारे में जानकारी लेते हुए इस संबंध में संबंधितों को निर्देश करते हुए बंदियों के हितार्थ अन्य कानूनी विषयों के बारे में सारगर्भित जानकारी प्रदान की। उन्होंने बंदियों को जेल में रहते हुए सुधारात्मक रूप से जीवन जीने एवं भविष्य में अपराधों से दूर रहने हेतु प्रोत्साहित किया।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री जीलानी ने शिविर में उपस्थित बंदियों को प्ली बारगेनिंग की जानकारी देते हुए बताया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अध्याय 21-ए के रूप में ’प्ली-बारगेनिंग’ का प्रावधान जोडा गया है। ’प्ली बारगेनिंग’ दाण्डिक मामले का समझौते के आधार पर अंतिम निराकरण हेतु एक अनुबंध है जो कि न्यायालय के निर्देशन एंव नियंत्रण में होता है। प्ली-बारगेनिंग परिवादी की शिकायत पर न्यायालय द्वारा संज्ञान लिए गए मामले में अभियुक्त एवं पीडित के मध्य होता है एवं पुलिस द्वारा प्रस्तुत मामले में यह अनुबंध अभियुक्त, मामले के अनुसंधानकर्ता, अभियोजक एवं पीडित के मध्य होता है।
उन्होंने प्ली-बारगेनिंग विषय में और विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कोई अभियुक्त जो कि 18 वर्ष से अधिक आयु का है और वह स्वैच्छिक रूप से प्ली-बारगेनिंग करने हेतु अपराध एवं मामले का संक्षिप्त विचारण, शपथ पत्र सहित आवेदन पत्र उसी न्यायालय में जिसमें मामला चल रहा है प्रस्तुत कर सकता है। उन्होंने बताया कि प्ली-बारगेनिंग के लिए आवेदन प्रस्तुत नही किया जा सकता जहां अपराध 7 वर्ष से अधिक के कारावास से दण्डनीय हो, महिला या 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे के विरूद्ध अपराध कारित किया गया हो, देश की सामाजिक एंव आथिक स्थिति को प्रभावित करता है, अभियुक्त एक बार प्ली-बारगेनिंग का लाभ उठा चुका है एवं अभियुक्त उसी अपराध के लिए पूर्व में दोषसिद्ध हो चुका है। उन्होंने निःशुल्क विधिक सहायता, लीगल एड क्लीनिक योजना विनियम 2011, जेल लोक अदालत, बंदियों के अधिकार संबंधित विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
उप अधीक्षक जिला जेल पन्ना श्री मिश्रा ने शिविर में उपस्थित बंदीजनों को विधिक प्राधिकरण द्वारा संचालित निःशुल्क विधिक सहायता व सलाह एवं लीगल एड क्लीनिक से लाभान्वित होने के लिए प्रेरित किया। शिविर में जिला जेल पन्ना स्टाॅफ सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पन्ना का स्टाॅफ, जिला जेल में नियुक्त दण्डित बंदी पैरालीगल वालेन्टियर्स एवं बंदीजन उपस्थित रहे।
समाचार क्रमांक 07-287
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