सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित हैं, पात्रों को लाभ जरूर मिले-अध्यक्ष श्री बालेन्दु शुक्ल अध्यक्ष ने की सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा

बैठक में अध्यक्ष श्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहां सामान्य निर्धन वर्ग के कल्याण के लिए आयोग का गठन किया गया है। यह आयोग जनवरी 2008 में गठित किया गया। जिसके मुख्य कार्य प्रदेश में सामान्य वर्ग के निर्धनों को चिन्हित करना, उनके समग्र कल्याण संबंधी बिन्दुओं पर विचार करना, इन बिन्दुओं की दिशा में नई कार्ययोजनाएं बनाने, पुराने कार्यक्रमों में आवश्यक परिवर्तन करने तथा आनुषंगिक विषयों पर राज्य शासन को सुझाव देना एवं प्रदेश में सामान्य वर्ग के निर्धनों को लाभान्वित करने हेतु सुझाव देना है। आयोग द्वारा मई 2008 में प्रस्तुत प्रतिवेदन में की गयी अनुशंसाओं के आधार पर शासन द्वारा सामान्य निर्धन वर्ग के कल्याण के लिए 11 योजनाएं चलाई जा रही हैं। यह योजनाएं सामान्य निर्धन वर्ग छात्रवृत्ति योजना, स्वामी विवेकानन्द प्री मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना, स्वामी विवेकानन्द पोस्ट मेट्रिक प्रावीण्य छात्रवृत्ति योजना, सुदामा शिष्यवृत्ति योजना, वीरांगना लक्ष्मी बाई साईकिल वितरण योजना, डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना, व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में विक्रमादित्य निःशुल्क शिक्षा योजना, निःशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण योजना, सांदीपनी संस्कृत भाषा प्रसार योजना, आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना एवं माॅ सरस्वती उच्च शिक्षा ऋण गारंटी योजना हैं।
उन्होंने कहा कि इन योजनाआंे से सामान्य वर्ग के निर्धन युवक एवं युवतियों को शिक्षा में सहयोग के साथ-साथ रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। इन योजनाओं के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। लेकिन और बेहतर प्रयास की आवश्यकता है ताकि कोई भी पात्र इन योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। अध्यक्ष श्री बालेन्दु शुक्ल ने कहा कि शासन का कार्य नीतियां बनाना है लेकिन उनके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी प्रशासन और अधिकारियों की होती है। सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है। योजनाओं की जानकारी जनसामान्य तक पहुंचाना तथा उन्हें लाभान्वित करना आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन एवं सभी अधिकारी/कर्मचारियों से अपनी जिम्मेदारी और जबावदेही को गंभीरता निभाने की अपील की। उनके द्वारा अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, सामान्य वर्ग के प्रतिनिधियों, समाज सेवियों एवं उपस्थित गणमान्य नागरिकों से इन योजनाओं के संबंध में फीडबैक एवं सुझाव भी लिए।
बैठक में सामान्य निर्धन वर्ग के लिए चलाई जा रही इन सभी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, संस्कृत के शिक्षकों की संख्या बढाई जाए, योजनाओं का लाभ लेने हेतु निर्धारित आय सीमा को बढाया जाए, आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना में स्थानीय स्तर के उन्नत पशुओं को शामिल करने का प्रावधान किया जाए, उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को दिए जाने वाले ऋण में बैंकों की भूमिका सक्रिय की जाए आदि अनेकों सुझाव दिए गए। अध्यक्ष श्री शुक्ल द्वारा इन सुझावों को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया गया।
बैठक में कलेक्टर श्री मनोज खत्री ने सभी उपस्थितों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिला प्रशासन द्वारा इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए निरंतर बैठकें ली जाती हैं। और बेहतर परिणामों के लिए आगे भी विशेष प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों से अध्यक्ष महोदय द्वारा निर्देशों के पालन प्रतिवेदन 10 दिवस के अन्दर प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया। साथ ही अध्यक्ष श्री शुक्ल से अनुरोध किया कि बुन्देलखण्ड के जिलों जिसमें पन्ना शामिल है, की पीडा और आवश्यकता शासन तथा वित्त आयोग के संज्ञान में लाने का प्रयास करें। जिससे जिले को यहां की परिस्थितियों, संसाधनों एवं चुनौतियों के अनुरूप अधिक राशि आवंटित हो सके और समाज के सभी वर्गो के साथ-साथ सामान्य निर्धन वर्ग के लोगों को भी शासन की योजनाओं द्वारा अधिक से अधिक लाभान्वित किया जा सके।
समाचार क्रमांक 346-3034
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