ई-रिक्शा से अब्दुल की आजीविका को मिला सहारा ईधन की चिंता नहीं, कोरियर व्यवसाय में भी मिल रही मदद
पन्ना 19 अप्रैल 18/बिना आवाज वाला और प्रदूषण मुक्त ई-रिक्शा की सवारी जहां जिले के लोगों को पसंद आ रही है वहीं यह ई-रिक्शा कई लोगों की आजीविका का सहारा बन गया है। इन्हीं में से एक हैं अब्दुल शफीक खान। अब्दुल शफीक पन्ना नगर के कटरा मोहल्ला के रहने वाले हैं। चार सदस्यीय इनके परिवार में इनकी पत्नि के अलावा दो बेटियां हैं। पहले अब्दुल केवल कोरियर सर्विस का काम कर जैसे-तैसे अपना घर चला रहे थे। कोरियर बाटने के लिए आॅटो से जाना बहुत महंगा पड़ रहा था। उन्हें केवल 5 हजार रूपये की आमदनी हो पाती थी। एक दिन कोरियर बाटते हुए अब्दुल नगरपालिका पन्ना पहुंचे। जहां उन्हें नगरपालिका में लगे बोर्ड के माध्यम से डे-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी मिली। अब्दुल की रूचि इसमें जागी और उन्होंने तुरन्त नगरपालिका पन्ना के अधिकारियों से सम्पर्क किया।
अब्दुल बताते हैं कि नगरपालिका पन्ना के अधिकारी द्वारा मुझे आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। आजीविका मिशन के अधिकारियों की मदद से उन्होंने ई-रिक्शा के लिए अपना ऋण प्रकरण तैयार करवाया। प्रकरण स्वीकृति के बाद अब्दुल को आईडीबीआई बैंक शाखा पन्ना से एक लाख 60 हजार रूपये का ऋण प्राप्त हुआ। जिसमें 20 प्रतिशत अनुदान की राशि भी प्राप्त हुई। ई-रिक्शा से न केवल उनके आॅटो के महंगे खर्च की चिंता दूर हुई है बल्कि उनकी आजीविका को अतिरिक्त सहारा मिल गया है। लगभग 30 रूपये के बिजली खर्च से उनका ई-रिक्शा 70 से 80 किलो मीटर की दूरी तय कर लेता है। सवारी लाने ले जाने के अलावा उनका ई-रिक्शा उनकी पुरानी कोरियर सर्विस में भी मदद कर रहा है। साथ ही यह ई-रिक्शा उनके घर के सदस्यों के व्यक्तिगत उपयोग में भी काम आ रहा है। अब्दुल बताते हैं कि उन्हें 3 हजार रूपये किश्त चुकाने के बाद प्रति माह लगभग 15 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त हो जाती है। कोरियर सर्विस से मिलने वाली आय भी बढ़ गयी है क्योंकि ईधन की लागत कम हो गयी है। अब्दुल इसके लिए शहरी आजीविका मिशन और शासन को धन्यवाद देते हैं। साथ ही वह कहते हैं कि अन्य बेरोजगारों को भी इस योजना का लाभ लेना चाहिए।
समाचार क्रमांक 174-1092
अब्दुल बताते हैं कि नगरपालिका पन्ना के अधिकारी द्वारा मुझे आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। आजीविका मिशन के अधिकारियों की मदद से उन्होंने ई-रिक्शा के लिए अपना ऋण प्रकरण तैयार करवाया। प्रकरण स्वीकृति के बाद अब्दुल को आईडीबीआई बैंक शाखा पन्ना से एक लाख 60 हजार रूपये का ऋण प्राप्त हुआ। जिसमें 20 प्रतिशत अनुदान की राशि भी प्राप्त हुई। ई-रिक्शा से न केवल उनके आॅटो के महंगे खर्च की चिंता दूर हुई है बल्कि उनकी आजीविका को अतिरिक्त सहारा मिल गया है। लगभग 30 रूपये के बिजली खर्च से उनका ई-रिक्शा 70 से 80 किलो मीटर की दूरी तय कर लेता है। सवारी लाने ले जाने के अलावा उनका ई-रिक्शा उनकी पुरानी कोरियर सर्विस में भी मदद कर रहा है। साथ ही यह ई-रिक्शा उनके घर के सदस्यों के व्यक्तिगत उपयोग में भी काम आ रहा है। अब्दुल बताते हैं कि उन्हें 3 हजार रूपये किश्त चुकाने के बाद प्रति माह लगभग 15 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त हो जाती है। कोरियर सर्विस से मिलने वाली आय भी बढ़ गयी है क्योंकि ईधन की लागत कम हो गयी है। अब्दुल इसके लिए शहरी आजीविका मिशन और शासन को धन्यवाद देते हैं। साथ ही वह कहते हैं कि अन्य बेरोजगारों को भी इस योजना का लाभ लेना चाहिए।
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