गोबर गैस संयंत्र से घर पर ही जैविक खाद प्राप्त कर रहे सुरेन्द्र उत्पादन भी बढ़ा, खाना बनाने का ईधन भी निःशुल्क मिला
पन्ना 17 अप्रैल 18/पन्ना जिले के गुनौर विकासखण्ड के ग्राम कंचनपुर के कृषक सुरेन्द्र सिंह यादव गोबर गैस संयंत्र से निःशुल्क जैविक खाद प्राप्त कर रहे हैं। इससे न केवल उनके खेत की मृदा स्वास्थ्य में सुधार आया है बल्कि उत्पादन भी बढ़ गया है। उन्हें खाना बनाने का ईधन भी निःशुल्क प्राप्त हो रहा है।
कृषक सुरेन्द्र सिंह बताते हैं कि वह खेती के साथ-साथ पिछले 15 वर्षो से 15 नग मवेशियों का पालन करते आ रहे हैं। उनके पास एक हेक्टेयर सिंचित भूमि है। लेकिन वे मवेशियों से प्राप्त गोबर का सही उपयोग नही कर पा रहे थे। खेतों में रसायनिक खाद के उपयोग से खेतों की मिट्टी में सफेद चकत्ते बन गए थे। इन जगहों पर फसल कम होती थी और खेत की उर्वरा क्षमता दिन प्रति दिन कम होती जा रही थी। इससे उत्पादन में हर वर्ष कमी होने लगी थी।
इस बात से चिंतित सुरेन्द्र अपनी समस्या लेकर कृषि विभाग गुनौर के कर्मचारियों से मिले। वहां पर उन्हें बताया गया कि जब आपके पास 15 नग मवेशी (भैंसे) हैं तो आपको गोबर गैस संयंत्र का निर्माण कर जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने गोबर गैस संयंत्र के अन्य फायदों से भी अवगत कराने हुए कृषि विभाग द्वारा अनुदान की जानकारी दी। कृषि विभाग के कर्मचारी की सलाह पर सुरेन्द्र ने गोबर गैस संयंत्र का निर्माण करवाया।
सुरेन्द्र बताते हैं कि गोबर गैस संयंत्र लगाने से मुझे खाना बनाने का ईधन तथा अच्छी प्रकार से पची हुई जैविक खाद घर पर ही उपलब्ध हो जाती है। खेतों में जैविक खाद का उपयोग करने से मृदा स्वास्थ्य में सुधार आया है। उत्पादन मंे भी वृद्धि हुई है। अब मैं अपने मवेशियों के गोबर का सही उपयोग कर जैविक खाद का प्रबंधन सफलतापूर्वक कर रहा हॅू। इसके लिए वह शासन की इस योजना एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।
समाचार क्रमांक 159-1077
कृषक सुरेन्द्र सिंह बताते हैं कि वह खेती के साथ-साथ पिछले 15 वर्षो से 15 नग मवेशियों का पालन करते आ रहे हैं। उनके पास एक हेक्टेयर सिंचित भूमि है। लेकिन वे मवेशियों से प्राप्त गोबर का सही उपयोग नही कर पा रहे थे। खेतों में रसायनिक खाद के उपयोग से खेतों की मिट्टी में सफेद चकत्ते बन गए थे। इन जगहों पर फसल कम होती थी और खेत की उर्वरा क्षमता दिन प्रति दिन कम होती जा रही थी। इससे उत्पादन में हर वर्ष कमी होने लगी थी।
इस बात से चिंतित सुरेन्द्र अपनी समस्या लेकर कृषि विभाग गुनौर के कर्मचारियों से मिले। वहां पर उन्हें बताया गया कि जब आपके पास 15 नग मवेशी (भैंसे) हैं तो आपको गोबर गैस संयंत्र का निर्माण कर जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने गोबर गैस संयंत्र के अन्य फायदों से भी अवगत कराने हुए कृषि विभाग द्वारा अनुदान की जानकारी दी। कृषि विभाग के कर्मचारी की सलाह पर सुरेन्द्र ने गोबर गैस संयंत्र का निर्माण करवाया।
सुरेन्द्र बताते हैं कि गोबर गैस संयंत्र लगाने से मुझे खाना बनाने का ईधन तथा अच्छी प्रकार से पची हुई जैविक खाद घर पर ही उपलब्ध हो जाती है। खेतों में जैविक खाद का उपयोग करने से मृदा स्वास्थ्य में सुधार आया है। उत्पादन मंे भी वृद्धि हुई है। अब मैं अपने मवेशियों के गोबर का सही उपयोग कर जैविक खाद का प्रबंधन सफलतापूर्वक कर रहा हॅू। इसके लिए वह शासन की इस योजना एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।
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