जीवन लक्ष्य तय करें और लक्ष्य पूर्ति हेतु समर्पित होकर कार्य करे-श्री राणा
पन्ना 18 जनवरी 18/जिला सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
श्री राजेश कुमार कोष्टा के कुशल मार्गदर्शन में डी.ए.व्ही. विद्यालय
मझगवां एनएमडीसी पन्ना में श्री दिनेश सिंह राणा न्यायिक मजिस्टेªट/सचिव
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य आतिथ्य में एवं श्री रामावतार पटेल
न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रशिक्षु), मुहम्मद जीलानी जिला विधिक सहायता अधिकारी
तथा पी.सी. सिंह विद्यालय प्राचार्य के सहभागिता में विधिक साक्षरता शिविर
का आयोजन किया गया।
न्यायिक मजिस्टेªट श्री राणा ने विधिक साक्षरता की आवश्यकता एवं महत्व को बताते हुए बच्चों से कहा कि सर्वप्रथम आप स्वयं जागरूक रहिये एवं समाज के अन्य लोगों को जागरूक कीजिये क्योकि आज के जागरूक बच्चे ही भविष्य में विभिन्न श्रेत्रों के अनमोल हीरे होंगे। अपराध क्या है बच्चों की समझ के अनुसार सरल शब्दों में बताया कि अपने अन्तरात्मा की विरुद्ध किया गया कार्य ही अपराध होता है। उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम के बारे में बताते हुए कहा कि 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों द्वारा मोटर वाहन चलाना मना है, 16 से 18 वर्ष के किशोर 50 सी.सी. क्षमता तक के मोटर वाहन लर्निंग लायसेन्स सहित चला सकते है। 18 वर्ष से अधिक के वयस्क 50 सी.सी. से अधिक क्षमता के वाहन ड्राइविंग लायसेन्स, वाहन रजिस्टेªशन एवं वाहन बीमा रखते हुए चलाना चाहिए। साथ ही आपने शारीरिक सुरक्षा एवं यातायात नियमों के पालन हेतु दोपहिया वाहनों में हेलमेट पहनने एवं चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट लगाने को आवश्यक बताया एवं यात्रा हमेशा यात्री वाहनों में ही करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बालकों के लैंगिक शोषण से रक्षा हेतु पाक्सो अधिनियम 2012, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा एवं देखभाल एवं अन्य विधियों के बारे में जानकारी प्रदान की।
श्री रामावतार पटेल न्यायाधीश (प्रशिक्षु) भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों यथा-समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, शिक्षा का अधिकार अािद एवं इन अधिकारों की सुरक्षा हेतु संविधानिक उपचारों के अधिकार के बारे में जानकारी प्रदान की। श्री पटेल ने भारतीय दण्ड संहिता के सामान्य अपवाद अन्तर्गत 07-12 वर्ष की आयु द्वारा किये गये आपराधिक कार्य को अपराध करते समय बच्चे की मनःस्थिति के परीक्षण अनुसार तय किया जाता है, 12-18 तक के बालकांे द्वारा किये गये अपराधों को किशोर न्यायालय द्वारा परीक्षण किया जाता है। आपने बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों की सूचना या शिकायत बच्चे स्वयं, उससे हित रखने वाले अथवा अन्य व्यक्ति द्वारा 1098 अथवा 100 नम्बर पर कर सकते हैं।
श्री मुहम्मद जीलानी जिला विधिक सहायता अधिकारी पन्ना ने बच्चों से मुखातिब होते हुए भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक कत्र्तव्यों यथा भारतीय संविधान का पालन करने, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय ध्वज, आदर्शो एवं सस्थाओं का आदर, भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करने एवं उसे अक्षुण्ण रखने एवं अन्य समस्त मौलिक कत्र्तव्यों को प्रथमतः जानने, समझने एवं पालन करने के लिए समझाइस दी। उन्होंने नालसा की मैत्रीपूण विधिक सलाह योजना एवं नालसा द्वारा विधिक सलाह एवं सहायता हेतु 15100 नम्बर को प्रचार-प्रसार करने हेतु बच्चों को प्रेरित किया।
श्री पी.सी. सिंह विद्यालय प्राचार्य ने बच्चों को नियमों का पालन करने एवं अपराधों से दूर रहने एवं बच्चांे की सुरक्षा हेतु बनाये गये नियमों व नम्बरों के दुरुपयोग न करने की समझाइस भी दी। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा विधि संबंधी जिज्ञासाओं को उपस्थित न्यायिक अधिकारियों से प्रश्नों के माध्यम से किया जिसका बहुत ही सरल शब्दों एवं कुछ उदाहरणों के माध्यम से न्यायिक अधिकारियों ने बच्चों के प्रश्नों का उत्तर दिया। कार्यक्रम में विद्यालय स्टाॅफ एवं काफी संख्या में विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्रायें सम्मिलित रहे। कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पन्ना की ओर से छपवाये गये ब्रोशर्स निःशुल्क बच्चों को वितरित किये गये।
समाचार क्रमांक 149-149
न्यायिक मजिस्टेªट श्री राणा ने विधिक साक्षरता की आवश्यकता एवं महत्व को बताते हुए बच्चों से कहा कि सर्वप्रथम आप स्वयं जागरूक रहिये एवं समाज के अन्य लोगों को जागरूक कीजिये क्योकि आज के जागरूक बच्चे ही भविष्य में विभिन्न श्रेत्रों के अनमोल हीरे होंगे। अपराध क्या है बच्चों की समझ के अनुसार सरल शब्दों में बताया कि अपने अन्तरात्मा की विरुद्ध किया गया कार्य ही अपराध होता है। उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम के बारे में बताते हुए कहा कि 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों द्वारा मोटर वाहन चलाना मना है, 16 से 18 वर्ष के किशोर 50 सी.सी. क्षमता तक के मोटर वाहन लर्निंग लायसेन्स सहित चला सकते है। 18 वर्ष से अधिक के वयस्क 50 सी.सी. से अधिक क्षमता के वाहन ड्राइविंग लायसेन्स, वाहन रजिस्टेªशन एवं वाहन बीमा रखते हुए चलाना चाहिए। साथ ही आपने शारीरिक सुरक्षा एवं यातायात नियमों के पालन हेतु दोपहिया वाहनों में हेलमेट पहनने एवं चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट लगाने को आवश्यक बताया एवं यात्रा हमेशा यात्री वाहनों में ही करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बालकों के लैंगिक शोषण से रक्षा हेतु पाक्सो अधिनियम 2012, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा एवं देखभाल एवं अन्य विधियों के बारे में जानकारी प्रदान की।
श्री रामावतार पटेल न्यायाधीश (प्रशिक्षु) भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों यथा-समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, शिक्षा का अधिकार अािद एवं इन अधिकारों की सुरक्षा हेतु संविधानिक उपचारों के अधिकार के बारे में जानकारी प्रदान की। श्री पटेल ने भारतीय दण्ड संहिता के सामान्य अपवाद अन्तर्गत 07-12 वर्ष की आयु द्वारा किये गये आपराधिक कार्य को अपराध करते समय बच्चे की मनःस्थिति के परीक्षण अनुसार तय किया जाता है, 12-18 तक के बालकांे द्वारा किये गये अपराधों को किशोर न्यायालय द्वारा परीक्षण किया जाता है। आपने बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों की सूचना या शिकायत बच्चे स्वयं, उससे हित रखने वाले अथवा अन्य व्यक्ति द्वारा 1098 अथवा 100 नम्बर पर कर सकते हैं।
श्री मुहम्मद जीलानी जिला विधिक सहायता अधिकारी पन्ना ने बच्चों से मुखातिब होते हुए भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक कत्र्तव्यों यथा भारतीय संविधान का पालन करने, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय ध्वज, आदर्शो एवं सस्थाओं का आदर, भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करने एवं उसे अक्षुण्ण रखने एवं अन्य समस्त मौलिक कत्र्तव्यों को प्रथमतः जानने, समझने एवं पालन करने के लिए समझाइस दी। उन्होंने नालसा की मैत्रीपूण विधिक सलाह योजना एवं नालसा द्वारा विधिक सलाह एवं सहायता हेतु 15100 नम्बर को प्रचार-प्रसार करने हेतु बच्चों को प्रेरित किया।
श्री पी.सी. सिंह विद्यालय प्राचार्य ने बच्चों को नियमों का पालन करने एवं अपराधों से दूर रहने एवं बच्चांे की सुरक्षा हेतु बनाये गये नियमों व नम्बरों के दुरुपयोग न करने की समझाइस भी दी। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा विधि संबंधी जिज्ञासाओं को उपस्थित न्यायिक अधिकारियों से प्रश्नों के माध्यम से किया जिसका बहुत ही सरल शब्दों एवं कुछ उदाहरणों के माध्यम से न्यायिक अधिकारियों ने बच्चों के प्रश्नों का उत्तर दिया। कार्यक्रम में विद्यालय स्टाॅफ एवं काफी संख्या में विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्रायें सम्मिलित रहे। कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पन्ना की ओर से छपवाये गये ब्रोशर्स निःशुल्क बच्चों को वितरित किये गये।
समाचार क्रमांक 149-149
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