उद्यानिकी फसलों की खेती से आर्थिक संकट दूर हुआ अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे गजराज
पन्ना 21 अगस्त 18/कभी आर्थिक संकट से जूझ रहे गजराज आज उद्यानिकी फसलों का उत्पादन कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं। कृषक गजराज सिंह पन्ना जिले के शाहनगर विकासखण्ड के ग्राम सुंगरहा के निवासी हैं।
गजराज ने बताया कि एक समय उनकी आर्थिक स्थिति ज्यादा ठीक नही थी। मैं बच्चों पढाई, परिवार का पालन पोषण और ईलाज के लिए आर्थिक संकट से जूझ रहा था। इसी बीच एक दिन मेरी मुलाकात उद्यानिकी विभाग के अधिकारी से हुई। मैंने उनसे अपनी सारी परेशानी कह डाली। जिसे सुनने के बाद उन्होंने मुझे उद्यानिकी विभाग के अन्तर्गत संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी और उनका लाभ उठाने की समझाईश दी।
उनकी सलाह को मानते हुए मैंने योजना का लाभ लेने के लिए 0.5 हेक्टेयर मंे साग भाजी, फसलें मटर, टमाटर, मिर्च, प्याज, भिंडी की खेती से शुरूआत की। सिंचाई के लिए भूमि विकास बैंक से लोन लेकर बोर कराया। इस तरह साग भाजी फसलों के उत्पादन से मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगा। जिसके बाद मैंने फलोद्यान योजना का लाभ लेने के लिए कलमी आम का उद्यान विकसित किया। आज मेरे खेत मंे एक हेक्टेयर में आम, नींबू, कटहल, अमरूद, करौंदा, बेर आदि के पौधे तैयार हो गए हैं। इसके साथ ही मैंने वर्ष 2016-17 में प्याज भण्डारण गृह का निर्माण कराया है, जिसमें मुझे उद्यानिकी विभाग से 87 हजार 500 रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ।
अब मैंने विभाग के सहयोग से ही पीएमकेएसवाय स्प्रिंकलर सिस्टम भी क्रय कर लिया है। जैविक खाद तैयार करने के लिए बर्मी कम्पोस्ट यूनिट का निर्माण कराया है। अब मैं आलू, बैगन, टमाटर, मिर्च, प्याज, धनिया, हरी मटर, अदरक, लहसून एवं मौसमी फल आदि उद्यानिकी फसलों की खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहा हॅू। उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर न केवल मेरा आर्थिक संकट दूर हुआ है बल्कि बच्चों को पढा, लिखाकर उनका विवाह भी सम्पन्न करा दिया है। अब मैं गांव के किसान भाईयों को भी फलदार पौधों का रोपण करने और खेती को लाभ का धन्धा बनाने की सलाह देता हॅू।
समाचार क्रमांक 281-2532
गजराज ने बताया कि एक समय उनकी आर्थिक स्थिति ज्यादा ठीक नही थी। मैं बच्चों पढाई, परिवार का पालन पोषण और ईलाज के लिए आर्थिक संकट से जूझ रहा था। इसी बीच एक दिन मेरी मुलाकात उद्यानिकी विभाग के अधिकारी से हुई। मैंने उनसे अपनी सारी परेशानी कह डाली। जिसे सुनने के बाद उन्होंने मुझे उद्यानिकी विभाग के अन्तर्गत संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी और उनका लाभ उठाने की समझाईश दी।
उनकी सलाह को मानते हुए मैंने योजना का लाभ लेने के लिए 0.5 हेक्टेयर मंे साग भाजी, फसलें मटर, टमाटर, मिर्च, प्याज, भिंडी की खेती से शुरूआत की। सिंचाई के लिए भूमि विकास बैंक से लोन लेकर बोर कराया। इस तरह साग भाजी फसलों के उत्पादन से मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगा। जिसके बाद मैंने फलोद्यान योजना का लाभ लेने के लिए कलमी आम का उद्यान विकसित किया। आज मेरे खेत मंे एक हेक्टेयर में आम, नींबू, कटहल, अमरूद, करौंदा, बेर आदि के पौधे तैयार हो गए हैं। इसके साथ ही मैंने वर्ष 2016-17 में प्याज भण्डारण गृह का निर्माण कराया है, जिसमें मुझे उद्यानिकी विभाग से 87 हजार 500 रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ।
अब मैंने विभाग के सहयोग से ही पीएमकेएसवाय स्प्रिंकलर सिस्टम भी क्रय कर लिया है। जैविक खाद तैयार करने के लिए बर्मी कम्पोस्ट यूनिट का निर्माण कराया है। अब मैं आलू, बैगन, टमाटर, मिर्च, प्याज, धनिया, हरी मटर, अदरक, लहसून एवं मौसमी फल आदि उद्यानिकी फसलों की खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहा हॅू। उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का लाभ लेकर न केवल मेरा आर्थिक संकट दूर हुआ है बल्कि बच्चों को पढा, लिखाकर उनका विवाह भी सम्पन्न करा दिया है। अब मैं गांव के किसान भाईयों को भी फलदार पौधों का रोपण करने और खेती को लाभ का धन्धा बनाने की सलाह देता हॅू।
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