मौसमी बीमारियों से बचाव की अपील

उन्होंने बताया कि बारिश के दौरान दूषित पानी के कारण प्रातः दस्त रोग फैलता है और यह मुख्य रूप से बच्चों में अधिक होता है। सबको शुद्ध पेयजल का ही उपयोग करना चाहिए। जहां तक आवश्यक हो सके पानी उबालकर एवं छानकर ही पीना चाहिए। घर के आसपास साफ सफाई रखे, सड़े, गले फल एवं खाद्य पदार्थो का उपयोग न करें, खाना खाने के पहले एवं शौच के बाद हांथों को साबुन से अवश्य धोये। दस्त लगने पर ओआरएस एवं जिंक टेबलेट का उपयोग चिकित्सक की सलाह अनुसार किया जाए।
उन्होंने कहा है कि किसी को बुखार आने पर तत्काल खून की जांच कराकर पूर्ण उपचार अवश्य कराएं। खाने-पीने की वस्तु को ढककर रखें, हरी सब्जियों तथा फलों का उपयोग करने से पहले साफ पानी से धोएं। बुखार आने पर की जाने वाली जांच एवं उपचार की व्यवस्था आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को उपलब्ध कराई गयी। स्वाइन फ्लू की बीमारी का संक्रमण संक्रमित व्यक्ति की छींक या खांसी के सम्पर्क में आने के कारण होता है। यदि किसी व्यक्ति को स्वाइन फ्लू के लक्षण जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खरास, सिरदर्द, बुखार के साथ जाकर डाॅक्टर से पल्स आॅक्सीमीटर से जांच कराएं। स्वास्थ्य संबंधी अन्य जानकारी के लिए काॅल सेंटर कन्ट्रोल रूम के नम्बर 7000184983 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
समाचार क्रमांक 375-2309
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