पन्ना जिले में मणिपुर इम्फाल से आये स्टीविया के टिषूकल्चर के पौधे

पन्ना 10 जुलाई 18/सहायक संचालक उद्यानिकी एम.के. भट्ट ने बताया है कि उद्यानिकी विभाग म.प्र. शासन एवं नसर्ग एग्रोटेक के सौजन्य से पन्ना में स्टीविया की अनुबंध खेती की शुरूआत की गई है। जिले में श्री ए.के. मुदगल तकनीकी मार्गदर्षक संचालनालय उद्यानिकी भोपाल के मार्गदर्षन में कृषक हरीलाल कुषवाहा ग्राम जनकपुर, रामधाम लोध खोरा, माधवेन्द्र सिंह सिमरी, श्रीमति नीलम सिंह देवेन्द्रनगर एवं रमेष लोध ग्राम भदैया को 40-40 हजार स्टीविया के पौधे प्रदाय किये गये।

    उन्होंने बताया कि कृषकों का खेत तैयार कराकर मेड़ों में स्टीविया के पौधे 15 से.मी. पौधे से पौधे की दूरी एवं 45 से.मी. कतार से कतार की दूरी पर रोपित कराये गये एवं स्वाईल कंडीसनर प्रदाय किया गया। रोपण के पहले दिन 15 वे दिन एवं 30 वे दिन मिट्टी में डालने का मार्गदर्षन दिया गया। जिले में स्टीविया की खेती किये जाने जाने हेतु कृषकों द्वारा कार्यालय/फील्ड स्तर पर लगातर जानकारी ली जा रही है। कृषकों द्वारा स्टीविया की खेती में निरंतर रूझान लिया जा रहा है। यदि इसी तरह कृषकों द्वारा निरंतर संपर्क कर स्टीविया की खेती करने की उत्सुकता बनी रही तो वास्तव में पन्ना जिले के लिये मीठी क्रांति के रूप विषेष उपलब्धि साबित होगी । स्टीविया की खेती से कृषकों का सालाना प्रति एकड़ 1.40 लाख की आय प्राप्त होगी। उल्लेखनीय है कि आज विष्व में मधुमेह के रोगियों की संख्या बढ़ रही है, स्टीविया लो कैलोरी के कारण मधुमेह के रोगी आराम से खा सकते है। स्टीविया की पत्ती शक्कर से 30 गुना अधिक मीठी होती हैै तथा स्टीविया पत्ती से निर्मित पाउडर शक्कर से 300 गुना अधिक मीठा रहता है।

     तकनीकी मार्गदर्षक संचालनालय उद्यानिकी भोपाल श्री मुदगल द्वारा बताया गया कि पन्ना जिले में 150 करोड़ की लागत की प्रोसेसिंग इकाई स्थापित कराई जायेगी। जिसमें स्टीविया की पत्ती से पाउडर बनाया जाएगा जो की शक्कर से 300 गुना अधिक मीठा होता है। स्टीविया की प्रोसेेसिंग इकाई स्थापित होने से पन्ना के बेरोजगार को रोजगार मिलेगा तथा किसानों की आर्थिक दशा सुधरेगी।
समाचार क्रमांक 116-2050

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