भूमि स्वामी अब अपनी भूमि का डायवर्सन स्वयं कर सकेगा

पन्ना 29 जून 18/भूमि के डायवर्सजन के लिये अब किसी क¨ भी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के न्यायालय से अनुमति लेने की जरूरत नहीं ह¨गी। अब भूमि स्वामी अपनी भूमि का विधि-सम्मत जैसा चाहे, डायवर्सन कर सकेगा। उसे केवल डायवर्सन के अनुसार भूमि उपय¨ग के लिये देय भू-राजस्व एवं प्रीमियम की राशि की स्वयं गणना कर राशि जमा करानी ह¨गी अ©र इसकी सूचना अनुविभागीय अधिकारी क¨ देनी ह¨गी। यह रसीद ही डायवर्सन का प्रमाण मानी जायेगी। अनुज्ञा लेने का प्रावधान अब समाप्त किया जा रहा है। संचालनालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संबंध में विधानसभा में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संश¨धन) विधेयक-2018 पारित किया जा चुका है।

नामांतरण के बाद मिलेगी निःशुल्क प्रति
नामांतरण का आदेश ह¨ने के बाद अब सभी संबंधित पक्ष¨ं क¨ आदेश अ©र सभी भू-अभिलेख¨ं में दर्ज ह¨ जाने के बाद उसकी निरूशुल्क प्रति दी जायेगी। यह प्रावधान भी किया गया है कि भूमि स्वामी जितनी चाहे, उतनी भूमि स्वयं के लिये रखकर शेष भूमि बाँट सकेगा।

निजी एजेंसी करेगी सीमांकन
सीमांकन के मामले जल्दी निपटाने के लिये अब निजी प्राधिकृत एजेंसी की मदद ली जायेगी। प्रत्येक जिले के लिये एजेंसी पहले से तय की जायेगी। यदि तहसीलदार द्वारा सीमांकन आदेश के बाद पक्षकार संतुष्ट नहीं है, त¨ वह अनुविभागीय अधिकारी क¨ आवेदन कर सकेगा।

अब राजस्व सर्वेक्षण के स्थान पर भू-सर्वेक्षण की कार्यवाही कलेक्टर के नियंत्रण में करवाई जायेगी। अब पूरे जिले क¨ भू-सर्वेक्षण के लिये अधिसूचित करने की जरूरत नहीं रहेगी। खसरे में छ¨टे-छ¨टे मकान¨ं के प्लाट का भी इंद्राज ह¨ सकेगा।

पटवारी हल्के के स्थान पर ह¨गा सेक्टर का नाम
शहरी क्षेत्र¨ं में अब पटवारी हल्के के स्थान पर सेक्टर का नाम दिया जायेगा। आयुक्त भू-अभिलेख क¨ सेक्टर पुनर्गठन के अधिकार ह¨ंगे।
भू-अभिलेख संधारण के मामल¨ं में ऐसी भूमियाँ, जिनका कृषि भूमि में कृषि से भिन्न प्रय¨जन के लिये डायवर्सन कर लिया जाता है, उन्हें नक्श¨ं में ब्लाक के रूप में दर्शाया जायेगा। यदि अनेक भूखण्ड धारक हैं, त¨ उनके अलग-अलग भू-खण्ड दर्शाये जायेंगे।

अतिक्रमण पर एक लाख का जुर्माना
शासकीय भूमिय¨ं पर अतिक्रमण के मामल¨ं में अब अधिकतम एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। निजी भूमिय¨ं के मामले में 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान ह¨गा। इसके साथ ही जिस भूमि पर अतिक्रमण ह¨गा, उसे अतिक्रामक से 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष के मान से मुआवजा भी दिलाया जा सकेगा। अभी अतिक्रमित भूमि के मूल्य के 20 प्रतिशत तक अर्थदण्ड के प्रावधान थे।
समाचार क्रमांक 366-1923






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