आर.टी.ई. प्रवेश प्रक्रिया निजी विद्यालयें में प्रवेश की प्रक्रिया को आॅनलाईन करने के संबंध में दिशानिर्देश

पन्ना 16 मई 18/जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र श्री विष्णु त्रिपाठी ने बताया है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सत्र 2018-19 में निजी विद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया को आॅनलाईन करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके लिए प्रत्येक अनुदान प्राप्त विद्यालय की पडोस की सीमा एवं विस्तारित पडोस की सीमा का चिन्हांकन कर पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।

लाटरी हेतु स्कूल का चयन
    एनआईसी द्वारा विकासखण्ड के समस्त निजी विद्यालयों को दर्शित किया गया है। विद्यालय के रजिस्ट्रेशन क्र./क्प्ैम् कोड द्वारा सही विद्यालय का चयन कर शामिल करें, इन चयनित विद्यालयों में ही प्रवेश प्रक्रिया की जाएगी।

पडोस की सीमा एवं विस्तारित पडोस की सीमा का चिन्हांकन
    गत सत्र में आपके द्वारा पडोस की सीमा एवं विस्तारित पडोस की सीमा का चिन्हांकन किया गया था जिसे पोर्टल पर पुनः दर्शित किया गया है। समस्त निजी विद्यालयों की बैठक आहूत कर विद्यालय की पडोस की सीमा एवं विस्तारित पडोस की सीमा में आने वाली बसाहटों का चिन्हांकर करने की कार्यवाही प्रथमतः निर्धारित प्रपत्र पर करें, यदि कोई परिवर्तन किया जाना है तो कारण सहित परिवर्तन करें एवं अंतिम सूची का प्रकाशन नोटिस बोर्ड पर करें।

    सूची का प्रकाशन जिला स्तर पर किया जाएगा। यदि किसी व्यक्ति को इसमें आपत्ति हो तो उसे गठित कमेटी के समक्ष दर्ज करा सकता है। प्राप्त आपत्तियों के निराकरण जिला स्तरीय कमेटी द्वारा 20 मई 2018 तक किया जाएगा। जिसके पश्चात निर्धारित पडोस की सीमा एवं विस्तारित पडोस की सीमा को पोर्टल पर डालकर लाॅक किया जाएगा।

प्रवेश हेतु एन्ट्री कक्षा एवं सीटों को दर्ज करना
    अधिनियम में किए गए प्रावधान के अनुसार प्राइवेट स्कूल की न्यूनतम प्रवेशित कक्षा में 25 प्रतिशत प्रवेश दिया जाएगा। विद्यालय द्वारा 21 मई 2018 तक अपने विद्यालय की कुल प्रवेश क्षमता को पोर्टल पर डालकर लाॅक किया जाएगा।

प्राइवेट विद्यालय द्वारा फीस अधिसूचित करना
    आरटीआई के नियम 2011 11(4) (छ) के अनुसार विद्यालय सत्र प्रारंभ के एक माह पूर्व ली जाने वाली फीस को अधिसूचित करेगा तथा जिला शिक्षा अधिकारी को सूचना देगा एवं पोर्टल पर अंकित करेगा। सत्यापन के उपरांत इसे लाॅक करेगा। लाॅक की गयी फीस की ही प्रतिपूर्ति स्कूल को की जाएगी। विद्यालय द्वारा यदि कोई अन्य फीस ली जाती है तो केपिटेशन की श्रेणी में होगी, जो एक दण्डनीय कृत्य होगा एवं इसके लिए अभियोजन की कार्यवाही की जा सकेगी।
समाचार क्रमांक 172-1370

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