कलेक्टर ने ली समय सीमा प्रकरणों की समीक्षा बैठक अधिकारियों को कम से कम 3 दिन फील्ड पर रहने के सख्त निर्देश दिए एएनएम कर्तव्य स्थल पर निवासरत हैं या नहीं, जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें -कलेक्टर
पन्ना 09 अप्रैल 18/कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री मनोज खत्री द्वारा समय सीमा प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में उन्होंने सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों में निराकरण की समीक्षा के साथ-साथ नलजल योजना, मातृत्व वंदना योजना, उपार्जन, ग्राम स्वराज अभियान, असंगठित मजदूर पंजीयन, पिछडा वर्ग सम्मेलन की तैयारी आदि विभिन्न समसमायिक मुद्दों पर समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिशानिर्देश दिए। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री अशोक कुमार ओहरी, जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अशोक चतुर्वेदी, सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, मुख्य नगरपालिका अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों में निराकरण की प्रगति की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि कोई भी शिकायत बिना जबाव के अगले स्तर पर नही पहुंचनी चाहिए। संबंधित अधिकारी एक दिन के अन्दर सभी शिकायतों में तर्कपूर्ण जबाव दर्ज करना सुनिश्चित करें। नलजल योजनाओं के दुरूस्तीकरण की प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने कहा कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जनसुनवाई के पूर्व अद्यतन जानकारी प्रस्तुत करें। कार्यपालन यंत्री विद्युत मण्डल एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी समन्वय कर बंद नलजल योजनाओं को शीघ्र चालू कराना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी कम से कम 3 दिन अनिवार्य रूप से फील्ड पर जाएं। इसकी फोटोग्राफ सहित जानकारी जिले के आॅफिशियल वाॅट्सएप ग्रूप में शेयर करें। अगली समय सीमा बैठक में इसकी भी समीक्षा की जाएगी। अधिकारी अपने क्षेत्र की जानकारी से अद्यतन रहें। उन्होंने कहा कि गेंहू उपार्जन केन्द्रों में पर्याप्त गेंहू प्राप्त होने पर उसका उठाव उसी दिन सुनिश्चित करें। उपार्जन कार्य में संबंधित एसडीएम की नियमित माॅनीटरिंग रहनी चाहिए। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी उपार्जन संबंधी समस्याओं के लिए एक कन्ट्रोल रूम की स्थापना करें। सरसों, चना एवं मसूर की खरीद 10 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। जिसके लिए 8 केन्द्र बनाए गए हैं। इन सभी केन्द्रों पर समुचित व्यवस्था की जाए। जिला प्रशासन की पहल पर कुपोषण दूर करने के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को आगे बढकर गोद लिया जा रहा है। इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने कहा कि इन अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों की उपस्थिति में बैठक का आयोजन किया जाए। उनसे क्या अपेक्षाएं हैं इसकी जानकारी प्रदाय की जाए। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा को एएनएम कर्तव्य स्थल पर निवासरत हैं या नहीं इसकी जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
समाचार क्रमांक 68-986
बैठक में सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों में निराकरण की प्रगति की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि कोई भी शिकायत बिना जबाव के अगले स्तर पर नही पहुंचनी चाहिए। संबंधित अधिकारी एक दिन के अन्दर सभी शिकायतों में तर्कपूर्ण जबाव दर्ज करना सुनिश्चित करें। नलजल योजनाओं के दुरूस्तीकरण की प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने कहा कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जनसुनवाई के पूर्व अद्यतन जानकारी प्रस्तुत करें। कार्यपालन यंत्री विद्युत मण्डल एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी समन्वय कर बंद नलजल योजनाओं को शीघ्र चालू कराना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी कम से कम 3 दिन अनिवार्य रूप से फील्ड पर जाएं। इसकी फोटोग्राफ सहित जानकारी जिले के आॅफिशियल वाॅट्सएप ग्रूप में शेयर करें। अगली समय सीमा बैठक में इसकी भी समीक्षा की जाएगी। अधिकारी अपने क्षेत्र की जानकारी से अद्यतन रहें। उन्होंने कहा कि गेंहू उपार्जन केन्द्रों में पर्याप्त गेंहू प्राप्त होने पर उसका उठाव उसी दिन सुनिश्चित करें। उपार्जन कार्य में संबंधित एसडीएम की नियमित माॅनीटरिंग रहनी चाहिए। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी उपार्जन संबंधी समस्याओं के लिए एक कन्ट्रोल रूम की स्थापना करें। सरसों, चना एवं मसूर की खरीद 10 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। जिसके लिए 8 केन्द्र बनाए गए हैं। इन सभी केन्द्रों पर समुचित व्यवस्था की जाए। जिला प्रशासन की पहल पर कुपोषण दूर करने के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को आगे बढकर गोद लिया जा रहा है। इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने कहा कि इन अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों की उपस्थिति में बैठक का आयोजन किया जाए। उनसे क्या अपेक्षाएं हैं इसकी जानकारी प्रदाय की जाए। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा को एएनएम कर्तव्य स्थल पर निवासरत हैं या नहीं इसकी जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
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