किसान प्याज फसल भावांतर योजना में पंजीयन कर लाभ लें-कलेक्टर
पन्ना 17 फरवरी 18/गुनौर विकासखण्ड के ग्राम तिघरा में वर्ष 2017-18 में निमार्णाधीन प्याज भंडार गृह का अवलोकन करने कलेक्टर श्री मनोज खत्री तिघरा के उन्नतषील कृषक श्री रामकृपाल बागरी के यहां पहुंचे। कृषक के यहां कलेक्टर के पहुंचने से खुषी का ठिकाना नही रहा। पिछले 15 वर्षो में पहले कलेक्टर है जो कृषक के घर पहुंचे हैं। जहां पर प्याज भंडार गृह का अवलोकन किया। 50 मैट्रिक टन भण्डार क्षमता प्याज भंडार गृह की लागत 3.50 लाख आती है, जिसका 50 प्रतिषत अनुदान शासन द्वार दिया जाता है। अर्थात प्याज भंडार गृह निर्माण के बाद किसान के खाते में 1.75 लाख अनुदान के रूप में जमा किये जाते है। कलेक्टर ने कृषकों से मुख्यमंत्री प्याज भावांतर योजना में फसल के रकवा राजस्व रिकाॅर्ड कें प्रपत्र में अंकित कर कृषि समिति में आॅनलाइन पंजीयन करने का आव्हान किया। कृषक के यहां बोई गई प्याज फसल का अवलोकन कर कृषक को आधुनिक तकनीकी मल्ंिचग एवं ड्रिप सिंचाई पद्धति से प्याज की खेती करने की सलाह कलेक्टर द्वारा दी गई।
कलेक्टर ने ग्राम पटनातमोली में 25 मैट्रिक टन क्षमता के प्याज भंडार गृह श्री नारायण चैरसिया के खेत का अवलोकन किया तथा प्याज की फसल की जानकारी ली। इसी ग्राम में पान बरेजा का अवलोकन किया गया जहां कृषक संतकुमार बागरी के खेत पर ओला/पाला से प्रभावित पान को देखा तथा पान मण्डी की जानकारी ली। जिसमें ज्ञात हुआ कि 100 रूपये प्रति सैकडा की दर से कानपुर एवं लखनऊ में व्यापारी प्रतिदिन मण्डी से खरीदते है जिसमें पान बरेजा की खेती का आय का स्त्रोत बताया। केले की फसल में डूबे ओला/पाला के नुकसान को भी अवलोकन कर सर्वे उपरांत मुआवजा देने का आष्वासन कलेक्टर ने दिया। मौके पर सहायक संचालक उद्यान महेन्द्र मोहन भट्ट, रामस्वरूप वर्मा, शम्भूदयाल राजपूत, धर्मेन्द्र सिंह एवं सैकडों कृषक उपस्थित थे।
समाचार क्रमांक 156-436
कलेक्टर ने ग्राम पटनातमोली में 25 मैट्रिक टन क्षमता के प्याज भंडार गृह श्री नारायण चैरसिया के खेत का अवलोकन किया तथा प्याज की फसल की जानकारी ली। इसी ग्राम में पान बरेजा का अवलोकन किया गया जहां कृषक संतकुमार बागरी के खेत पर ओला/पाला से प्रभावित पान को देखा तथा पान मण्डी की जानकारी ली। जिसमें ज्ञात हुआ कि 100 रूपये प्रति सैकडा की दर से कानपुर एवं लखनऊ में व्यापारी प्रतिदिन मण्डी से खरीदते है जिसमें पान बरेजा की खेती का आय का स्त्रोत बताया। केले की फसल में डूबे ओला/पाला के नुकसान को भी अवलोकन कर सर्वे उपरांत मुआवजा देने का आष्वासन कलेक्टर ने दिया। मौके पर सहायक संचालक उद्यान महेन्द्र मोहन भट्ट, रामस्वरूप वर्मा, शम्भूदयाल राजपूत, धर्मेन्द्र सिंह एवं सैकडों कृषक उपस्थित थे।
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