सौभाग्य से काजल का घर हुआ रोशन
पन्ना 06 जून 18/रोशनी का महत्व वही समझ सकता है जो रोज अंधेरों से लडता है। ऐसी ही लड़ाई पिछले 70 वर्षो से काजल और उसका परिवार लडता आ रहा था। लेकिन अब काजल का जीवन रोशनी से भर उठा है। वह अब रात में भी पढ़ाई कर पाती है। अंधेरे को ही अपनी तकदीर मान चुकी काजल और उसका परिवार शासन को धन्यवाद देते हुए नही थक रहा है और इसकी वजह है सौभाग्य योजना से काजल के घर तक बिजली का पहुंचना।
आजादी के 70 वर्ष बाद भी काजल के घर रोशनी नही पहुंची थी। पन्ना जिले की देवेन्द्रनगर तहसील के ग्राम तिदुनहाई में रहने वाला काजल पिता बलीराम का परिवार अंधेरे को ही अपनी तकदीर मान जीवन यापन कर रहे थे। लेकिन माननीय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रीजी की महत्वाकांक्षी योजना ’’प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना-सौभाग्य योजना’’ के तहत ग्राम तिदुनहाई के 74 घरों में बिजली पहुंचाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। इन्ही में से एक काजल का घर भी है। पहले उसके घर के सभी लोगों को सारे काम दिन की रोशनी में ही करने पडते थे। रात में डिब्बी जलाकर जैसे तैसे समय काटते रहते थे। पढाई तो अंधेरा होने के बाद घर के दूसरे कार्य करना भी बहुत मुश्किल हो जाता था। लेकिन सौभाग्य योजना के तहत काजल के घर में बिजली क्या पहुंची है उसका घर खुशियों से भर उठा है। अब बच्चे रात में भी पढ पाते हैं। घर की महिलाओं को पूरा दिन काम में नही लगना पडता। अपनी सुविधा अनुसार वे दिन और रात में काम का बंटवारा कर आराम से जीवन यापन करने लगे हैं।
समाचार क्रमांक 85-1643
आजादी के 70 वर्ष बाद भी काजल के घर रोशनी नही पहुंची थी। पन्ना जिले की देवेन्द्रनगर तहसील के ग्राम तिदुनहाई में रहने वाला काजल पिता बलीराम का परिवार अंधेरे को ही अपनी तकदीर मान जीवन यापन कर रहे थे। लेकिन माननीय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रीजी की महत्वाकांक्षी योजना ’’प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना-सौभाग्य योजना’’ के तहत ग्राम तिदुनहाई के 74 घरों में बिजली पहुंचाने का कार्य पूर्ण हो चुका है। इन्ही में से एक काजल का घर भी है। पहले उसके घर के सभी लोगों को सारे काम दिन की रोशनी में ही करने पडते थे। रात में डिब्बी जलाकर जैसे तैसे समय काटते रहते थे। पढाई तो अंधेरा होने के बाद घर के दूसरे कार्य करना भी बहुत मुश्किल हो जाता था। लेकिन सौभाग्य योजना के तहत काजल के घर में बिजली क्या पहुंची है उसका घर खुशियों से भर उठा है। अब बच्चे रात में भी पढ पाते हैं। घर की महिलाओं को पूरा दिन काम में नही लगना पडता। अपनी सुविधा अनुसार वे दिन और रात में काम का बंटवारा कर आराम से जीवन यापन करने लगे हैं।
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