कृषि वैज्ञानिकों ने दिया खरीफ फसलों पर कृषकों को समसामयिकी सलाह

पन्ना 27 जून 18/कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना के डाॅ0 बी0 एस0 किरार, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख एवं डाॅ0 आर0 के0 जायसवाल एवं एन.के. पन्द्रे द्वारा कृषकों को खरीफ फसलों के विपुल उत्पादन हेतु उन्नत तकनीक की जानकारी दी जा रही है। कृषक धान की रोपणी या कतार, बुवाई शुरू कर दें। धान की शीघ्र पकने वाली एम.टी.यू. 1010 दन्तेश्वरी, एम. आर. 219, डब्लू.जी.एल. 32100 आदि किस्मों को फफंूदनाशक दवा कार्बोक्सीन$थाईरम 2 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपचारित कर बुवाई करें। उड़द (किस्म पी.यू. 31, जे. एस. 20-69, जे. एस. 93-05) बीज को बीज जनित रोगों से बचाने हेतु फफूंदनाशक दवा कोर्बोक्सीन$थायरम 2 ग्राम प्रति कि.ग्रा. बीज या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफ.एस. दवा 1.25 मिली./किलो. बीज की दर से बीज उपचारित कर बुवाई कर सकते हैं और अन्त में राइजोवियम एवं पी.एस.बी. कल्चर 10 मि.ली. प्रति कि.ग्रा. बीज दर से उपचारित करने से सोयाबीन/उड़द/अरहर फसल की जड़ों से ग्रंथियों का उचित विकास होता है।

    डाॅ. किरार ने बताया कि धान की कतार बुवाई के समय सिंगल सुपरफास्फेट 125 कि.गा. या डी. ए. पी. 40-50 कि.ग्रा. और म्यूरेट आॅफ पोटाश 15 कि.ग्रा. प्रति एकड़ कतार बुवाई या रोपा लगाने के पहले भूमि में डाल देवें। उड़द अरहर एवं सोयाबीन में बुवाई के समय यूरिया 15 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट 100-125 कि.ग्रा. और म्यूरेट आॅफ पोटाश 10-12 कि.ग्रा. प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें। वृक्षारोपण हेतु पौधों के अनुसार अनुसंशित आकार के गड़ढ़ों की खुदाई एक निश्चित दूरी पर करें और पौधा लगाने से पहले उसमें सड़ी गोबर खाद और दमोट मिट्टी बराबर मात्रा में मिलाकर गड्ढ़े को आधा भर देवें उसके बाद पौधा लगाते समय दीमक नियंत्रण हेतु दवा कोर्बोफ्यूराॅन 3जी 10 ग्राम प्रति गड्ढ़ा और डी.ए.पी. व पोटाश डालकर पौध रोपण कर देना चाहिए।
समाचार क्रमांक 327-1884

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