आजीविका एक्सप्रेस से जीवन को मिली रफ्तार
कल्दा के दुर्गम क्षेत्र में आवागमन भी आसान हुआ
पन्ना 16 अप्रैल 18/पन्ना जिले के पवई विकासखण्ड के अन्तर्गत कल्दा का पहाडी इलाका है। इस दुर्गम स्थल तक आवागमन के पर्याप्त साधनों के अभाव के कारण यह विकास की मुख्य धारा से दूर है। यद्यपि जिला प्रशासन द्वारा इसे मुख्य धारा में जोडने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत इसी कल्दा कलस्टर का एक ग्राम सगरा है। जहां के माॅ चण्डी समूह की सदस्य श्रीमती सीमा बाई प्रधानमंत्री ग्रामीण आजीविका एक्सप्रेस योजना की मदद से मैजिक वाहन द्वारा अच्छी आय प्राप्त कर रही हैं।
सीमा बाई बताती हैं कि जब से प्रधानमंत्री ग्रामीण आजीविका एक्सप्रेस द्वारा मैजिक वाहनों का साधन हुआ है तब से हमारे क्षेत्र कल्दा की तकदीर ही बदल गयी है। पहले हम दूसरों को पैसा देकर उनके वाहन से हाट बाजार करने जाते थे। लेकिन अब हम उसी पैसे का उपयोग अपने वाहन में कर रहे हैं। यह हमारी आवश्यकता होने के साथ-साथ हमारी आय का जरिया भी बन गया है। सीमा बाई बताती है कि पहले हमारी मासिक आय लगभग 5 हजार रूपये थी लेकिन अब आजीविका एक्सप्रेस हमारे जीवन को भी रफ्तार मिली है। आज हमारी आय में 4 गुना वृद्धि हो गयी है और हम 18 हजार से 20 हजार रूपये की मासिक आय प्राप्त कर रहे हैं। इससे गाड़ी की नियमित किश्ते भी आसानी से जमा कर पाते हैं।
समाचार क्रमांक 146-1064
पन्ना 16 अप्रैल 18/पन्ना जिले के पवई विकासखण्ड के अन्तर्गत कल्दा का पहाडी इलाका है। इस दुर्गम स्थल तक आवागमन के पर्याप्त साधनों के अभाव के कारण यह विकास की मुख्य धारा से दूर है। यद्यपि जिला प्रशासन द्वारा इसे मुख्य धारा में जोडने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत इसी कल्दा कलस्टर का एक ग्राम सगरा है। जहां के माॅ चण्डी समूह की सदस्य श्रीमती सीमा बाई प्रधानमंत्री ग्रामीण आजीविका एक्सप्रेस योजना की मदद से मैजिक वाहन द्वारा अच्छी आय प्राप्त कर रही हैं।
सीमा बाई बताती हैं कि जब से प्रधानमंत्री ग्रामीण आजीविका एक्सप्रेस द्वारा मैजिक वाहनों का साधन हुआ है तब से हमारे क्षेत्र कल्दा की तकदीर ही बदल गयी है। पहले हम दूसरों को पैसा देकर उनके वाहन से हाट बाजार करने जाते थे। लेकिन अब हम उसी पैसे का उपयोग अपने वाहन में कर रहे हैं। यह हमारी आवश्यकता होने के साथ-साथ हमारी आय का जरिया भी बन गया है। सीमा बाई बताती है कि पहले हमारी मासिक आय लगभग 5 हजार रूपये थी लेकिन अब आजीविका एक्सप्रेस हमारे जीवन को भी रफ्तार मिली है। आज हमारी आय में 4 गुना वृद्धि हो गयी है और हम 18 हजार से 20 हजार रूपये की मासिक आय प्राप्त कर रहे हैं। इससे गाड़ी की नियमित किश्ते भी आसानी से जमा कर पाते हैं।
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