निर्वाचन व्यय लेखा के संबंध में अधिकारियों/कर्मचारियांे का प्रशिक्षण आयोजित अभ्यर्थियों से ली जाएगी नये बैंक खाते एवं सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी-कलेक्टर

पन्ना 23 सितंबर 18/विधानसभा निर्वाचन 2018 के तहत कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मंे निर्वाचन व्यय लेखा के संबंध में अधिकारियों/कर्मचारियों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनोज खत्री एवं जिला कोषालय अधिकारी श्री ओ.पी. गुप्ता दिया गया। प्रशिक्षण में व्यय लेखा दल सहायक व्यय प्रेक्षक, उडनदस्ता दल, स्थैतिक निगरानी दल, वीडियो निगरानी दल एवं व्हीएसटी के सदस्यों से संबंधित अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।

    प्रशिक्षण के दौरान निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के संबंध में जानकारी देते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री खत्री ने बताया कि जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र हैं। प्रत्येक के लिए 3 सहायक व्यय प्रेक्षक नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा उडनदस्ता दल बनाए गए हैं। पन्ना एवं गुनौर विधानसभा क्षेत्र के लिए 3-3 उडनदस्ता दल बनाए गए हैं। जबकि संवेदनशील पवई विधानसभा क्षेत्र के लिए 5 उडनदस्ता दल बनाए गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरूप प्रत्येक निर्वाचन स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से संचालित किया जाए। अभ्यर्थियो और राजनैतिक दलों सहित सभी हितधारकों को एक समान अवसर दिए जाएं। निर्वाचन प्रक्रिया को धन शक्ति के दुरूपयोग अथवा अन्य किसी भी साधन से दूषित होने से बचाया जाना है। इसमें निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

    उन्होंने बताया कि निर्वाचन व्यय को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। पहली श्रेणी विधिक व्यय है, निर्वाचन प्रचार के लिए कानून के अन्तर्गत इस व्यय को अनुमति दी गयी है लेकिन यह निर्धारित सीमा के अन्दर होना आवश्यक है। विधानसभा निर्वाचन के अभ्यर्थियों के लिए यह सीमा 28 लाख निर्धारित की गयी है। इससे एक रूपये भी अधिक खर्च होने पर आयोग द्वारा अभ्यर्थी को 6 साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। इस व्यय में प्रचार अभियान से जुडे वह व्यय भी शामिल होंगे जो सार्वजनिक बैठकों, रैलियों, पोस्टरों, बैनरों, वाहनों, प्रिंट या इलेक्ट्रानिक मीडिया आदि में विज्ञापनों पर खर्च किए जाते हैं। व्यय की दूसरी श्रेणी में वह खर्चे शामिल हैं जिनकी कानून के तहत अनुमति नही दी जाती है जैसे धन, शराब का वितरण या मतदाताआंे को प्रभावित करने के उद्देश्य से वितरित की गयी कोई अन्य वस्तु। निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण द्वारा इन खर्चे पर निगरानी रखने, नियंत्रण रखने और इन्हें अभ्यर्थी के खर्चे में जुडवाने का कार्य किया जाता है जिससे अभ्यर्थी द्वारा किए गए वास्तविक खर्च का पता चल सके। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों द्वारा नामांकन दाखिल करते समय उनसे नया बैंक खाता, आईएफएससी कोड, वाॅट्सएप नम्बर (यदि चलाते हों) एवं सोशल मीडिया एकाउंट की जानकारी लेना भी अनिवार्य है। उन्हें नये खाते से ही निर्वाचन व्यय करने के संबंध में पहले से हिदायत दी जाए। साथ ही हर खर्चे के बाद बैंक स्टेटमेंट भी लिया जाएगा। प्रशिक्षण में जिला कोषालय अधिकारी श्री गुप्ता द्वारा निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के लिए गठित की गयी विभिन्न समितियों एवं दलों के कार्यो और उनकी भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डाला गया।
समाचार क्रमांक 302-2990


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