लाडली लक्ष्मी योजना का मिला सहारा

संगीता की जिंदगी में 13 जुलाई 2011 का दिन दुःखों का पहाड़ लेकर आया। विजय अपनी दिनचर्या के अनुसार खुशी-खुशी काम पर गए तो थे लेकिन लौटे नही। काम से लौटते समय विजय आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए और उनकी मृत्यु हो गयी। नन्ही बेटियों के सिर से पिता का साया उठ गया। जिनके बाद परिवार की आय का कोई स्त्रोत नही था। संगीता के सिर बच्चियों की परवरिश और पढाई का बोझ एक साथ आ गया।
इसी बीच आंगनवाडी कार्यकर्ता द्वारा संगीता से सम्पर्क कर पिता की मृत्यु के बाद लाडली लक्ष्मी योजना के तहत दोनों बच्चियों का विशेष प्रकरण तैयार कर कार्यालय में प्रस्तुत किया गया। दोनों बच्चियों को बिना किसी देरी के 27 मार्च 2012 को लाडली लक्ष्मी योजना का लाभ दे दिया गया। वर्ष 2016 में बडी बेटी को कक्षा 6 में प्रवेश करने पर 2 हजार रूपये की छात्रवृत्ति का लाभ भी दे दिया गया है। इस योजना का लाभ पाकर संगीता को बडा सहारा मिला। इस योजना ने संगीता की बच्चियों को उनके पिता के हिस्से का लाड़ दिया है। बच्चियों की पढाई की चिंता समाप्त हो गयी है। साथ ही लाडली लक्ष्मी योजना परिवार एवं समाज में बाल विवाह की प्रथा को कम करने में भी मददगार साबित हुई है।
समाचार क्रमांक 296-2984
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