मजदूर से व्यवसायी बने हरछटिया
पन्ना 24 अप्रैल 18/पन्ना जिले की तहसील देवेन्द्रनगर के ग्राम फुलदरी के निवासी हैं हरछटिया चैधरी। जो बहुत ही कम पढा-लिखा होने के कारण दूसरों के यहां मजदूरी करके जैसे-तैसे भरण पोषण कर रहे थे। लेकिन मन के किसी कोने में उन्होंने यह सपना भी छिपा रखा था कि उनका भी अपना व्यवसाय हो और किसी और के यहां मजदूरी न करनी पडे। किन्तु पंूजी के अभाव में उनका यह सपना साकार नही हो पा रहा था। फिर उन्हें एक दिन अपने परिचितों से जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति पन्ना द्वारा गरीब अनुसूचित वर्ग के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना की जानकारी मिली। जिसने उनके मन में उम्मीद की किरण जगा दी।
इस संबंध में हरछटिया बताते हैं कि योजना की जानकारी मिलने के बाद मैंने सीधे जिला अन्त्यावसायी कार्यालय में सम्पर्क किया तथा कपडा व्यवसाय करने की अपनी योजना के बारे में वहां के अधिकारियों से चर्चा की। कार्यालय से मुझे एक फार्म प्राप्त हुआ जिसे भलीभांति भरकर सभी दस्तावेजों के साथ बैंक में जमा कर दिया। इस कार्य में विभागीय अधिकारियों ने मेरी पूरी सहायता की। बैंक से मुझे कपड़ा व्यवसाय के लिए 50 हजार रूपये का ऋण प्राप्त हुआ। जिसके साथ 15 हजार रूपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ। इस राशि से मैंने कपडे का व्यवसाय शुरू कर दिया। अब मेरा कपड़ा व्यवसाय अच्छी तरह से चलने लगा है। ऋण की किश्त चुकाने के बाद मुझे 7 हजार रूपये प्रति माह की आमदनी हो जाती है। बैंक की किश्तें भी समय पर जमा कर देता हॅू। अब मुझे ओरों के यहां मजदूरी नही करनी पडती। परिवार का भरण-पोषण भी पहले की अपेक्षा ठीक ढंग से हो पा रहा है। उनका खुद का व्यवसाय करने का सपना पूरा करने के लिए हरछटिया शासन की योजना और विभागीय अधिकारियों को धन्यवाद देते हैं।
समाचार क्रमांक 228-1146
इस संबंध में हरछटिया बताते हैं कि योजना की जानकारी मिलने के बाद मैंने सीधे जिला अन्त्यावसायी कार्यालय में सम्पर्क किया तथा कपडा व्यवसाय करने की अपनी योजना के बारे में वहां के अधिकारियों से चर्चा की। कार्यालय से मुझे एक फार्म प्राप्त हुआ जिसे भलीभांति भरकर सभी दस्तावेजों के साथ बैंक में जमा कर दिया। इस कार्य में विभागीय अधिकारियों ने मेरी पूरी सहायता की। बैंक से मुझे कपड़ा व्यवसाय के लिए 50 हजार रूपये का ऋण प्राप्त हुआ। जिसके साथ 15 हजार रूपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ। इस राशि से मैंने कपडे का व्यवसाय शुरू कर दिया। अब मेरा कपड़ा व्यवसाय अच्छी तरह से चलने लगा है। ऋण की किश्त चुकाने के बाद मुझे 7 हजार रूपये प्रति माह की आमदनी हो जाती है। बैंक की किश्तें भी समय पर जमा कर देता हॅू। अब मुझे ओरों के यहां मजदूरी नही करनी पडती। परिवार का भरण-पोषण भी पहले की अपेक्षा ठीक ढंग से हो पा रहा है। उनका खुद का व्यवसाय करने का सपना पूरा करने के लिए हरछटिया शासन की योजना और विभागीय अधिकारियों को धन्यवाद देते हैं।
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