अगरबत्ती से महिलाओं के जीवन में फैली खुशबू अगरबत्ती निर्माण इकाई ने खतवार की महिलाओं को किया सुदृढ़
पन्ना 25 अप्रैल 18/पन्ना जिले के ग्राम खतवार की महिलाएं सामूहिक गतिविधि द्वारा अगरबत्ती निर्माण कर रही हैं। इससे न केवल वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हुई हैं बल्कि उनके आदिवासी ग्राम का भी विकास हुआ है। पहले जहां अधिकारियों का ही भ्रमण बिरले होता था वहीं आज जिले के जनप्रतिनिधिगण भी आए दिन दौरा करने आते हैं और महिलाओं की सराहना करते हैं। यह सब मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से संभव हुआ है।
जिले के बिरसिंहपुर क्लस्टर के अन्तर्गत आने वाला ग्राम है खतवार। जहां पर ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा अगरबत्ती यूनिट की स्थापना की गयी है। इस ग्राम में 5 महिला समूहों का गठन किया गया है। इन पांचों समूह के सदस्य सामूहिक गतिविधि द्वारा अगरबत्ती का निर्माण कर रहे हैं। इस संबंध में समूह की महिलाएं बताती हैं कि हमारा गांव खतवार आदिवासी ग्राम है जो पहले काफी पिछडा हुआ था। गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। लेकिन जब से ग्राम में अगरबत्ती निर्माण इकाई की स्थापना की गयी है तब से हमारे गांव का काफी विकास हुआ है। हमारी आर्थिक स्थिति भी पहले से सुदृढ़ हो गयी है। महिलाएं बताती है कि दूरस्थ अंचल में स्थित होने के कारण हमारे गांव में अधिकारी, कर्मचारी या जनप्रतिनिधियों का आना बहुत ही कम होता था। लेकिन अब हमारी अगरबत्ती निर्माण की यूनिट देखने अक्सर जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी आते रहते हैं। उनके द्वारा की गयी प्रशंसा से हमारे उत्साह में और भी वृद्धि हुई है।
महिलाएं बताती है कि पहले हम जंगल से लकड़ी काटकर सिर में रखकर बाजार में बेचने जाते थे। इनती मेहनत करने के बाद भी हमें महीने में अधिकतम 1500 रूपये की आमदनी हो पाती थी। लेकिन अब अगरबत्ती निर्माण इकाई से बिना कठिन श्रम के लगभग 4500 रूपये की मासिक आमदनी आराम से हो जाती है। इससे हमारे पूरे गांव की महिलाओं को रोजगार का साधन मिल गया है। अगरबत्ती ने हमारे जीवन को भी महका दिया है। हम गांव की महिलाएं ग्रामीण आजीविका मिशन से जुडकर बहुत खुश हैं और शासन को धन्यवाद देते हैं कि हमारे गांव के लोगों को इस योजना का लाभ मिल सका।
समाचार क्रमांक 242-1160
जिले के बिरसिंहपुर क्लस्टर के अन्तर्गत आने वाला ग्राम है खतवार। जहां पर ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा अगरबत्ती यूनिट की स्थापना की गयी है। इस ग्राम में 5 महिला समूहों का गठन किया गया है। इन पांचों समूह के सदस्य सामूहिक गतिविधि द्वारा अगरबत्ती का निर्माण कर रहे हैं। इस संबंध में समूह की महिलाएं बताती हैं कि हमारा गांव खतवार आदिवासी ग्राम है जो पहले काफी पिछडा हुआ था। गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। लेकिन जब से ग्राम में अगरबत्ती निर्माण इकाई की स्थापना की गयी है तब से हमारे गांव का काफी विकास हुआ है। हमारी आर्थिक स्थिति भी पहले से सुदृढ़ हो गयी है। महिलाएं बताती है कि दूरस्थ अंचल में स्थित होने के कारण हमारे गांव में अधिकारी, कर्मचारी या जनप्रतिनिधियों का आना बहुत ही कम होता था। लेकिन अब हमारी अगरबत्ती निर्माण की यूनिट देखने अक्सर जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी आते रहते हैं। उनके द्वारा की गयी प्रशंसा से हमारे उत्साह में और भी वृद्धि हुई है।
महिलाएं बताती है कि पहले हम जंगल से लकड़ी काटकर सिर में रखकर बाजार में बेचने जाते थे। इनती मेहनत करने के बाद भी हमें महीने में अधिकतम 1500 रूपये की आमदनी हो पाती थी। लेकिन अब अगरबत्ती निर्माण इकाई से बिना कठिन श्रम के लगभग 4500 रूपये की मासिक आमदनी आराम से हो जाती है। इससे हमारे पूरे गांव की महिलाओं को रोजगार का साधन मिल गया है। अगरबत्ती ने हमारे जीवन को भी महका दिया है। हम गांव की महिलाएं ग्रामीण आजीविका मिशन से जुडकर बहुत खुश हैं और शासन को धन्यवाद देते हैं कि हमारे गांव के लोगों को इस योजना का लाभ मिल सका।
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