मंत्रि-परिषद द्वारा पट्टा नवीनीकरण प्रक्रिया का अनुम¨दन
पन्ना 12 अप्रैल 18/राज्य सरकार द्वारा स्थाई पट्ट¨ं के नवीनीकरण तथा शर्त उल्लघंन के प्रकरण¨ं के निराकरण की प्रक्रिया के संबंध में जारी निर्देश¨ं क¨ आज मंत्रि-परिषद ने अनुम¨दन प्रदान किया। शासन का मानना है कि पट्ट¨ं का नवीनीकरण नहीं ह¨ पाने तथा पट्ट¨ं की शतर्¨ं के उल्लघंन के परिणामस्वरूप भू-भाटक के रूप में शासन क¨ ह¨ने वाली निरंतर आय अवरूद्ध ह¨ रही है। साथ ही ज¨ पट्टेदार अपने पट्टे के भू-खण्ड क¨ विक्रय,दान या अंतरित करना चाहते हैं वे अंतरण भी नहीं कर पा रहे हैं। इस स्थिति के समाधान के लिये राजस्व विभाग ने नई व्यवस्था स्थापित की है।
स्थाई पट्टे के नवीनीकरण तथा शर्त उल्लघंन के मामल¨ं में जिला कलेक्टर या उनके द्वारा प्राधिकृत अपर कलेक्टर प्राधिकृत अधिकारी ह¨ंगें। पट्टा अवधि समाप्त ह¨ जाने के बाद प्रस्तुत नवीनीकरण के आवेदन पर विलम्ब के लिये शमन राशि जमा कराना ह¨गी। ऐसे मामल¨ं में पट्टे की शतर्¨ के उल्लघंन या अपालन का परीक्षण करने के बाद ही प्रकरण नवीनीकरण के लिए आगे बढ़ाया जा सकेगा। स्थल निरीक्षण नजूल अधिकारी या तहसीलदार नजूल के माध्यम से कराया जाएगा। यह अधिकारी पट्टेदार द्वारा जमा भू भाटक, बकाया राशि, उल्लंघन या अपालन की स्थिति, प्रचलित विकास य¨जना में नियत प्रय¨जन के अनुसार उपय¨ग के संबंध में अपनी रिप¨र्ट देंगे। जिसके आधार पर प्राधिकृत अधिकारी आगामी तीस वर्ष के लिये पट्टे का नवीनीकरण कर सकेंगे। नवीनीकरण से पूर्व वार्षिक भू- भाटक का पुनर्निर्धारण ह¨, ज¨ अंतिम निर्धारित भू भाटक का छः गुना ह¨गा।
स्थाई पट्ट¨ं की किन्हीं शतर्¨ं के उल्लघंन या अपालन पर प्राधिकृत अधिकारी द्वारा पट्टेदार क¨ समुचित अवसर देने के बाद ही प्रकरण का निराकरण किया जायेगा। प्राधिकृत अधिकारी शमन राशि लेकर पुर्नप्रवेश के अधिकार का त्यजन करते हुए शर्त उल्लंघन के मामल¨ं का निराकरण कर सकेगा।
पट्टे की वैधता अवधि में अथवा नवीनीकरण के बाद यदि पट्टेदार पट्टे का उपय¨ग व्यवसायिक उददेश्य के लिए परिवर्तित कराना चाहता है अ©र यह उपय¨ग विकास य¨जना में स्वीकृत है त¨ प्राधिकृत अधिकारी प्रीमियम व भू-भाटक निर्धारित करते हुए राशि जमा ह¨ने के बाद उपय¨ग परिर्वतन स्वीकृत कर सकेगा।
पट्टे की शर्त अनुसार भू-खण्ड में यदि अनुमति से अधिक क्षेत्रफल पर मूल प्रय¨जन के लिए निर्माण किया गया है अ©र इस संबंध में स्थानीय नगरीय निकाय की अनुमति प्राप्त की गई है अथवा शमन किया गया है त¨ पट्टे की ऐसी सुसंगत शर्त का उल्लंघन नहीं माना जायेगा।
मूल पट्टेदार की मृत्यु अथवा पट्टेदार द्वारा भू-खण्ड के विक्रय,दान की स्थिति में पट्टे के अंतरण की कार्यवाही अनिवार्य ह¨गी। अंतरण के बाद छः माह की अवधि के भीतर पट्टे के नवीनीकरण की कार्यवाही करना अनिवार्य ह¨गा।
समाचार क्रमांक 113-1031
स्थाई पट्टे के नवीनीकरण तथा शर्त उल्लघंन के मामल¨ं में जिला कलेक्टर या उनके द्वारा प्राधिकृत अपर कलेक्टर प्राधिकृत अधिकारी ह¨ंगें। पट्टा अवधि समाप्त ह¨ जाने के बाद प्रस्तुत नवीनीकरण के आवेदन पर विलम्ब के लिये शमन राशि जमा कराना ह¨गी। ऐसे मामल¨ं में पट्टे की शतर्¨ के उल्लघंन या अपालन का परीक्षण करने के बाद ही प्रकरण नवीनीकरण के लिए आगे बढ़ाया जा सकेगा। स्थल निरीक्षण नजूल अधिकारी या तहसीलदार नजूल के माध्यम से कराया जाएगा। यह अधिकारी पट्टेदार द्वारा जमा भू भाटक, बकाया राशि, उल्लंघन या अपालन की स्थिति, प्रचलित विकास य¨जना में नियत प्रय¨जन के अनुसार उपय¨ग के संबंध में अपनी रिप¨र्ट देंगे। जिसके आधार पर प्राधिकृत अधिकारी आगामी तीस वर्ष के लिये पट्टे का नवीनीकरण कर सकेंगे। नवीनीकरण से पूर्व वार्षिक भू- भाटक का पुनर्निर्धारण ह¨, ज¨ अंतिम निर्धारित भू भाटक का छः गुना ह¨गा।
स्थाई पट्ट¨ं की किन्हीं शतर्¨ं के उल्लघंन या अपालन पर प्राधिकृत अधिकारी द्वारा पट्टेदार क¨ समुचित अवसर देने के बाद ही प्रकरण का निराकरण किया जायेगा। प्राधिकृत अधिकारी शमन राशि लेकर पुर्नप्रवेश के अधिकार का त्यजन करते हुए शर्त उल्लंघन के मामल¨ं का निराकरण कर सकेगा।

पट्टे की शर्त अनुसार भू-खण्ड में यदि अनुमति से अधिक क्षेत्रफल पर मूल प्रय¨जन के लिए निर्माण किया गया है अ©र इस संबंध में स्थानीय नगरीय निकाय की अनुमति प्राप्त की गई है अथवा शमन किया गया है त¨ पट्टे की ऐसी सुसंगत शर्त का उल्लंघन नहीं माना जायेगा।
मूल पट्टेदार की मृत्यु अथवा पट्टेदार द्वारा भू-खण्ड के विक्रय,दान की स्थिति में पट्टे के अंतरण की कार्यवाही अनिवार्य ह¨गी। अंतरण के बाद छः माह की अवधि के भीतर पट्टे के नवीनीकरण की कार्यवाही करना अनिवार्य ह¨गा।
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