बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियां और उनसे बचाव के उपाय मलेरिया होने पर खून की जांच अवश्य करवाएं

दूषित पानी का उपयोग बिल्कुल न करें
बारिश के दौरान दूषित पानी के कारण प्रायः दस्त रोग फैलता है और यह मुख्य रूप से बच्चों में अधिक होता है। इस दौरान सबको शुद्ध पेयजल का ही उपयोग करना चाहिये और जहां तक हो सके पानी उबालकर एवं छानकर पीने में उपयोग में लाना चाहिये। दस्त रोग की रोकथाम के लिये शुद्ध पेयजल एवं शुद्ध भोजन का उपयोग करना चाहिये। सड़े-गले फल एवं खाद्य पदार्थों का उपयोग न करें और खाना खाने से पहले एवं शौच के बाद साबुन से अवश्य हाथ धोएं। खुले में शौच न करें और शौचालय का उपयोग किया जाये। घर के आसपास साफ-सफाई रखें। दस्त लग जाने पर ओआरएस एवं जिंक टेबलेट का उपयोग चिकित्सक की सलाह के अनुसार किया जाये। खाने-पीने की वस्तुओं को ढंककर रखा जाये। मक्खियों से बचाव किया जाये। हरी सब्जी एवं फलों का उपयोग करने के पहले साफ पानी से धोकर उसका उपयोग किया जाये।
आंखों के रोग एवं खुजली होने पर साफ तोलिये या रूमाल का ही उपयोग करें
वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारियों में कई लोगों को आंखों में रोग हो जाता है और खुजली आदि होती है। इस दौरान आंखों में खुजली एवं आंखें लाल हो जाने एवं सफेद व पीले रंग का पदार्थ जमा होने के कारण आईफ्लू, कंजस्टिवाईटिस या आंखें आने के रूप में जाना जाता है। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है और इसका कारण संक्रमित उंगलियां, तौलिया, रूमाल आदि का उपयोग एक-दूसरे व्यक्ति के बीच में होना भी प्रमुख कारण है। इन सबसे बचने के लिये आंखें आने पर बार-बार अपने हाथ एवं चेहरे को शुद्ध ठण्डे पानी से धोयें, परिवार के सभी सदस्य अपने अलग-अलग तोलिये एवं रूमाल का उपयोग करें। स्वच्छ पानी का उपयोग करें और बार-बार आंखों को हाथ न लगायें। धूप के चश्मे का प्रयोग किया जाये और चिकित्सक को दिखाया जाये।
समाचार क्रमांक 327-2261
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