प्रदूषण मुक्त व्यवसाय बना सम्मेलन का सहारा
पन्ना 09 मई 18/पन्ना जिले की नगर परिषद देवेन्द्रनगर के वार्ड क्र. 06 के निवासी सम्मेलन सिंह के लिए प्रदूषण मुक्त व्यवसाय आजीविका का सहारा बन गया है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्राप्त ई-रिक्शा संचालन से वह प्रतिदिन न्यूनतम 500 रूपये की आय प्राप्त कर रहे हैं।
सम्मेलन सिंह के सर पर अपने वृद्ध माता-पिता के साथ-साथ एक पुत्री एवं 2 पुत्रों की जिम्मेदारी थी। लेकिन आय का कोई निश्चित साधन नहीं होने से सम्मेलन अपने परिवार का पालन पोषण ठीक से नही कर पा रहे थे। एक दिन नगर परिषद देवेन्द्रनगर के प्रचार-प्रसार एवं समाचार पत्रों के माध्यम से सम्मेलन सिंह को स्वर्ण जयंती शहरी स्वरोजगार योजना (मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना) की जानकारी प्राप्त हुई। योजना की जानकारी सम्मेलन के लिए अवसर साबित हुई। अपने परिवार की आर्थिक स्थिति से परेशान सम्मेलन को जैसे बड़ा सहारा मिल गया। वाहन चालन में कौशल होने के कारण सम्मेलन ने योजना की मदद से नगरीय क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रों में परिवहन का व्यवसाय करने का निर्णय लिया और नगर परिषद के मागदर्शन में ई-रिक्शा के लिए आवेदन कर दिया।
सम्मेलन बताते हैं कि उन्होंने योजना के तहत ई-रिक्शा के लिए डेढ़ लाख रूपये का ऋण आवेदन वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रस्तुत किया। नगर परिषद देवेन्द्रनगर द्वारा ऋण प्रकरण स्वीकृत कर प्रकरण टीएफसी बैठक में रखा गया। बैठक से स्वीकृति उपरांत प्रकरण वितरण के लिए भारतीय स्टेट बैंक देवेन्द्रनगर प्रेषित कर दिया गया। जिला शहरी विकास अभिकरण द्वारा 30 हजार रूपये की अनुदान राशि भी बैंक को प्रदान की गयी। जिसके बाद बैंक द्वारा मेरी रूचि के अनुसार ई-रिक्शा क्रय कराया जाकर मुझे प्रदान किया गया है। प्रदूषण मुक्त व्यवसाय की मदद से आज मैं प्रतिदिन न्यूनतम 500 रूपये की आमदनी प्राप्त कर पा रहा हॅू। इसमें डीजल का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता। मेरे द्वारा ई-रिक्शा के माध्यम से नियमित परिवहन का कार्य किया जा रहा है। इससे प्राप्त आय से अब मैं अपने परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उचित ढंग से उठा पाने में सक्षम हॅू। परिवार के लोगों का पालन पोषण भलीभांति कर पा रहा हॅू। इससे समाज में भी मेरा सम्मान बढा है। सम्मेलन सिंह इसका श्रेय मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं नगर परिषद देवेन्द्रनगर को देते हैं। साथ ही वह अन्य बेरोजगारों को भी इस योजना से जुडकर लाभान्वित होने के लिए प्रेरित करने का कार्य कर रहे हैं।
समाचार क्रमांक 76-1275
सम्मेलन सिंह के सर पर अपने वृद्ध माता-पिता के साथ-साथ एक पुत्री एवं 2 पुत्रों की जिम्मेदारी थी। लेकिन आय का कोई निश्चित साधन नहीं होने से सम्मेलन अपने परिवार का पालन पोषण ठीक से नही कर पा रहे थे। एक दिन नगर परिषद देवेन्द्रनगर के प्रचार-प्रसार एवं समाचार पत्रों के माध्यम से सम्मेलन सिंह को स्वर्ण जयंती शहरी स्वरोजगार योजना (मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना) की जानकारी प्राप्त हुई। योजना की जानकारी सम्मेलन के लिए अवसर साबित हुई। अपने परिवार की आर्थिक स्थिति से परेशान सम्मेलन को जैसे बड़ा सहारा मिल गया। वाहन चालन में कौशल होने के कारण सम्मेलन ने योजना की मदद से नगरीय क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रों में परिवहन का व्यवसाय करने का निर्णय लिया और नगर परिषद के मागदर्शन में ई-रिक्शा के लिए आवेदन कर दिया।
सम्मेलन बताते हैं कि उन्होंने योजना के तहत ई-रिक्शा के लिए डेढ़ लाख रूपये का ऋण आवेदन वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रस्तुत किया। नगर परिषद देवेन्द्रनगर द्वारा ऋण प्रकरण स्वीकृत कर प्रकरण टीएफसी बैठक में रखा गया। बैठक से स्वीकृति उपरांत प्रकरण वितरण के लिए भारतीय स्टेट बैंक देवेन्द्रनगर प्रेषित कर दिया गया। जिला शहरी विकास अभिकरण द्वारा 30 हजार रूपये की अनुदान राशि भी बैंक को प्रदान की गयी। जिसके बाद बैंक द्वारा मेरी रूचि के अनुसार ई-रिक्शा क्रय कराया जाकर मुझे प्रदान किया गया है। प्रदूषण मुक्त व्यवसाय की मदद से आज मैं प्रतिदिन न्यूनतम 500 रूपये की आमदनी प्राप्त कर पा रहा हॅू। इसमें डीजल का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता। मेरे द्वारा ई-रिक्शा के माध्यम से नियमित परिवहन का कार्य किया जा रहा है। इससे प्राप्त आय से अब मैं अपने परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उचित ढंग से उठा पाने में सक्षम हॅू। परिवार के लोगों का पालन पोषण भलीभांति कर पा रहा हॅू। इससे समाज में भी मेरा सम्मान बढा है। सम्मेलन सिंह इसका श्रेय मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं नगर परिषद देवेन्द्रनगर को देते हैं। साथ ही वह अन्य बेरोजगारों को भी इस योजना से जुडकर लाभान्वित होने के लिए प्रेरित करने का कार्य कर रहे हैं।
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