ड्रिप एवं मल्चिंग पद्धति अपनाने से मेहनत लगी कम लेकिन दोगुनी हुई आय पन्ना जिले के कृषक राजू चीमड़ी की खेती कर कमा रहे लाभ

कृषक राजू प्रसाद पटेल पन्ना जिले के ग्राम बरियारपुर कुर्मियान के निवासी हैं जो वर्ष 2011-12 तक केवल कृषि फसलें लगाते थे। राजू बताते हैं इससे मेरी आमदनी बहुत ही कम होती थी फिर मैंने एक बार खरबूजा (चीमड़ी) की खेती की। जिसमें मुझे कृषि फसल की अपेक्षा अधिक लाभ प्राप्त हुआ। उसके बाद मैंने 2-3 वर्ष तक पुरानी पद्धति से ही चीमड़ी की खेती की। वर्ष 2016 में मेरी मुलाकात उद्यानिकी अधिकारी श्री बनवारी कुशवाहा से हुई। मैं उन्हें अपने खेत में ले गया। खेती देखने के बाद उन्होंने मुझे ड्रिप द्वारा खेती करने की सलाह दी साथ ही इसके लिए विभागीय अनुदान के बारे में बताया। उनकी मदद से मैंने ड्रिप सिस्टम स्थापित किया। जिसके बाद मुझे सिंचाई करने में बहुत बड़ी आसानी हो गयी। अब बहुत ही कम पानी में फसल की अच्छी सिंचाई होने लगी। इसी बीच मुझे उद्यानिकी विभाग द्वारा प्रशिक्षण के लिए बाहर भेजा गया। जहां पर मुझे नयी पद्धति मल्चिंग द्वारा खेती देखने को मिली। इससे प्रोत्साहित होकर मैंने विभाग की मल्चिंग योजना का भी लाभ लिया। मल्चिंग योजना से मेरी निदाई-गुडाई की आवश्यकता खत्म हो गयी। पहले मुझे बिना मल्चिंग के हर 15 दिन में निदाई करनी पड़ती थी। मुझे वर्ष 2017 में विभाग की ओर से 7 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए नोयडा जाने का अवसर भी प्राप्त हुआ। ड्रिप एवं मल्चिंग पद्धति अपनाने अब मुझे कम मेहनत में अधिक उत्पादन प्राप्त हो रहा है। मेरे खरबूजे बाजार में अच्छी कीमत पर बिक रहे हैं। इन नयी पद्धतियों को देखने जब अन्य किसान मेरे खेत आते हैं तो मुझे बड़ी प्रसन्नता होती है। राजू अन्य कृषकों को भी खेती की नयी पद्धतियों को अपनाते हुए अधिक लाभ कमाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
समाचार क्रमांक 295-1493
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