राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री स्वाई ने ली समीक्षा बैठक जिलेभर के जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर फीडबैक एवं सुझाव लिए जिला प्रशासन द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेने की पहल की सराहना की खाद्यान्न के विधिवत वितरण हेतु पंचायत स्तरीय निगरानी समिति का गठन कर अनिवार्य रूप से प्रदाय करें प्रशिक्षण-श्री स्वाई सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लापरवाही करने वालों के विरूद्ध की जाएगी कडी कार्यवाही-श्री स्वाई
पन्ना 22 जून 18/मध्यप्रदेश खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री आर.के. स्वाई की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभाकक्ष में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उन्होंने जिलेभर से आए जनप्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूहों एवं एनजीओ के प्रतिनिधियों से चर्चा कर जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन के संबंध में फीडबैक एवं सुझाव लिए। इन चारों योजनाओं के संबंध में जिला अधिकारियों द्वारा नवीन प्रपत्र के अनुसार प्रस्तुत जानकारी के आधार पर विस्तारपूर्वक समीक्षा करते हुए अधिकारियों को विभिन्न दिशानिर्देश दिए गए। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान अनुसार गठित राज्य खाद्य आयोग के संघटन, उद्देश्य एवं कार्यो के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदाय की। इस दौरान आयोग के सदस्य श्री गोरेलाल अहिरवार, श्री बीर सिंह चैहान एवं आयोग के प्रशासनिक अधिकारी एम.एन.एच. खान भी मौजूद रहे।
बैठक में श्री स्वाई ने आयोग के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान अनुसार मध्यप्रदेश खाद्य आयोग का गठन किया गया है। जिसे लगभग एक वर्ष का समय होने वाला है। आयोग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लक्ष्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित होने वाली खाद्यान्न सामग्री, स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए मध्यान्ह भोजन और आंगनवाडी में बच्चों एवं महिलाओं को वितरण किए जाने वाले पूरक पोषण आहार की माॅनीटरिंग एवं मूल्यांकन करना आयोग का मुख्य कार्य है। इसके अलावा आयोग द्वारा पात्र हितग्राहियों को योजनाओं के लाभ प्राप्त न होने की शिकायत होने पर एवं स्वप्रेरणा से जांच का कार्य भी किया जाता है। इन योजनाओं के संबंध में कलेक्टर को जिला शिकायत निवारण अधिकारी बनाया गया है। जिला शिकायत निवारण अधिकारी द्वारा निराकृत शिकायतों के विरूद्ध अपील की सुनवाई और अधिनियम के राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को सलाह देने का कार्य भी आयोग द्वारा किया जाता है।
उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा मार्च माह के अंत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मध्यान्ह भोजन एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए पंचायत स्तर पर माॅनीटरिंग समिति गठन के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक संयुक्त निगरानी समिति का गठन किया जाना है। सरपंच/वार्ड पार्षद इस समिति के अध्यक्ष होंगे। उन्होंने सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को इन समितियों का गठन कर विकासखण्ड स्तर पर अधिनियम के प्रावधानों एवं समिति के कार्यो की जानकारी से अवगत कराने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
जनप्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूह एवं एनजीओ के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझाव
बैठक में राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री स्वाई द्वारा उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न समूहों तथा संगठनों के प्रतिनिधियों से जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन के संबंध एक-एक कर फीडबैक एवं सुझाव लिए। बैठक में विधायक गुनौर श्री महेन्द्र सिंह बागरी द्वारा माह में केवल 2 से 3 दिन ही पीडीएस दुकान खुलने की शिकायत की गयी। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रविराज सिंह यादव द्वारा मध्यान्ह भोजन में लगे समूह को बदलने की जानकारी से अवगत कराने की बात कही गयी। कलेक्टर श्री मनोज खत्री ने श्री स्वाई से अनुरोध करते हुए कहा कि पन्ना जिले में लगभग 4 हजार हीरा श्रमिक हैं और यह गरीबी रेखा के दायरे में नही आते। लेकिन यह जरूरतमंद लोग हैं इन्हें भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने यह सुझाव राज्य शासन के समक्ष रखने की अपील की। बैठक में नगरपालिका अध्यक्ष श्री मोहनलाल कुशवाहा द्वारा लकडहारों को भी खाद्यान्न प्रदाय करने का सुझाव दिया गया। जनपद अध्यक्ष अजयगढ़ श्री भरतमिलन पाण्डेय ने सुझाव दिया कि प्रत्येक उचित मूल्य दुकान के बाहर विक्रेता तथा निगरानी समिति के सदस्यों के नाम एवं मोबाइल नम्बर, प्रतिमाह प्राप्त खाद्यान्न की मात्रा एवं खाद्यान्न प्राप्ति की तिथि की जानकारी बोर्ड में प्रदर्शित की जाए। इसी तरह अन्य प्रतिनिधियों द्वारा सभी पात्रों को पात्रता पर्ची प्रदाय करने, प्रतिमाह नियमित खाद्यान्न वितरण कराने, आंगनवाडी केन्द्रों को विद्युतीकृत करने तथा रसोईयों का मानदेय बढाने आदि के सुझाव दिए गए।
अधिकारियों को दिशानिर्देश
खाद्यान्न वितरण में लापरवाही की जानकारी मिलने पर अध्यक्ष श्री स्वाई द्वारा जिला आपूर्ति अधिकारी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी तथा सहायक पंजीयक सहकारिता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही पुनः प्रकाश में आने पर संबंधित कडी कार्यवाही के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि जिन दुकानों में पृथक से विक्रेता न होने के कारण वितरण नही हो पा रहा है उन दुकानों के विरूद्ध समुचित कार्यवाही कर उन्हें निरस्त करें तथा नवीन दुकानें स्व-सहायता समूह अथवा अन्य समितियों को आवंटित करें। जिससे उचित मूल्य दुकानें नियमित रूप से खुल सकें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जिले में इन चारों कार्यक्रमों का क्रियान्वयन विधिवत रूप से कराने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेने तथा उनकी नियमित देखरेख करने की पहल की सराहना करते हुए कलेक्टर को बधाई दी। साथ ही जिले के शेष सभी सांझा चूल्हों के लिए गैस उपलब्ध कराने हेतु ब्याज राशि का उपयोग करने का प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। इस दौरान बैठक में जिला पंचायत पन्ना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. गिरीश कुमार मिश्रा, अतिरिक्त कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अशोक चतुर्वेदी, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री बी.एस. परिहार, मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री अरूण पटैरिया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, सहायक परियोजना अधिकारी जिला पंचायत श्री एस.के. मिश्रा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।
समाचार क्रमांक 264-1821
बैठक में श्री स्वाई ने आयोग के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान अनुसार मध्यप्रदेश खाद्य आयोग का गठन किया गया है। जिसे लगभग एक वर्ष का समय होने वाला है। आयोग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लक्ष्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित होने वाली खाद्यान्न सामग्री, स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए मध्यान्ह भोजन और आंगनवाडी में बच्चों एवं महिलाओं को वितरण किए जाने वाले पूरक पोषण आहार की माॅनीटरिंग एवं मूल्यांकन करना आयोग का मुख्य कार्य है। इसके अलावा आयोग द्वारा पात्र हितग्राहियों को योजनाओं के लाभ प्राप्त न होने की शिकायत होने पर एवं स्वप्रेरणा से जांच का कार्य भी किया जाता है। इन योजनाओं के संबंध में कलेक्टर को जिला शिकायत निवारण अधिकारी बनाया गया है। जिला शिकायत निवारण अधिकारी द्वारा निराकृत शिकायतों के विरूद्ध अपील की सुनवाई और अधिनियम के राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को सलाह देने का कार्य भी आयोग द्वारा किया जाता है।
उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा मार्च माह के अंत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मध्यान्ह भोजन एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए पंचायत स्तर पर माॅनीटरिंग समिति गठन के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक संयुक्त निगरानी समिति का गठन किया जाना है। सरपंच/वार्ड पार्षद इस समिति के अध्यक्ष होंगे। उन्होंने सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतों को इन समितियों का गठन कर विकासखण्ड स्तर पर अधिनियम के प्रावधानों एवं समिति के कार्यो की जानकारी से अवगत कराने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
जनप्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूह एवं एनजीओ के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझाव
बैठक में राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री स्वाई द्वारा उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न समूहों तथा संगठनों के प्रतिनिधियों से जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन के संबंध एक-एक कर फीडबैक एवं सुझाव लिए। बैठक में विधायक गुनौर श्री महेन्द्र सिंह बागरी द्वारा माह में केवल 2 से 3 दिन ही पीडीएस दुकान खुलने की शिकायत की गयी। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रविराज सिंह यादव द्वारा मध्यान्ह भोजन में लगे समूह को बदलने की जानकारी से अवगत कराने की बात कही गयी। कलेक्टर श्री मनोज खत्री ने श्री स्वाई से अनुरोध करते हुए कहा कि पन्ना जिले में लगभग 4 हजार हीरा श्रमिक हैं और यह गरीबी रेखा के दायरे में नही आते। लेकिन यह जरूरतमंद लोग हैं इन्हें भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने यह सुझाव राज्य शासन के समक्ष रखने की अपील की। बैठक में नगरपालिका अध्यक्ष श्री मोहनलाल कुशवाहा द्वारा लकडहारों को भी खाद्यान्न प्रदाय करने का सुझाव दिया गया। जनपद अध्यक्ष अजयगढ़ श्री भरतमिलन पाण्डेय ने सुझाव दिया कि प्रत्येक उचित मूल्य दुकान के बाहर विक्रेता तथा निगरानी समिति के सदस्यों के नाम एवं मोबाइल नम्बर, प्रतिमाह प्राप्त खाद्यान्न की मात्रा एवं खाद्यान्न प्राप्ति की तिथि की जानकारी बोर्ड में प्रदर्शित की जाए। इसी तरह अन्य प्रतिनिधियों द्वारा सभी पात्रों को पात्रता पर्ची प्रदाय करने, प्रतिमाह नियमित खाद्यान्न वितरण कराने, आंगनवाडी केन्द्रों को विद्युतीकृत करने तथा रसोईयों का मानदेय बढाने आदि के सुझाव दिए गए।
अधिकारियों को दिशानिर्देश
खाद्यान्न वितरण में लापरवाही की जानकारी मिलने पर अध्यक्ष श्री स्वाई द्वारा जिला आपूर्ति अधिकारी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी तथा सहायक पंजीयक सहकारिता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही पुनः प्रकाश में आने पर संबंधित कडी कार्यवाही के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि जिन दुकानों में पृथक से विक्रेता न होने के कारण वितरण नही हो पा रहा है उन दुकानों के विरूद्ध समुचित कार्यवाही कर उन्हें निरस्त करें तथा नवीन दुकानें स्व-सहायता समूह अथवा अन्य समितियों को आवंटित करें। जिससे उचित मूल्य दुकानें नियमित रूप से खुल सकें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जिले में इन चारों कार्यक्रमों का क्रियान्वयन विधिवत रूप से कराने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेने तथा उनकी नियमित देखरेख करने की पहल की सराहना करते हुए कलेक्टर को बधाई दी। साथ ही जिले के शेष सभी सांझा चूल्हों के लिए गैस उपलब्ध कराने हेतु ब्याज राशि का उपयोग करने का प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। इस दौरान बैठक में जिला पंचायत पन्ना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. गिरीश कुमार मिश्रा, अतिरिक्त कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अशोक चतुर्वेदी, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री बी.एस. परिहार, मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री अरूण पटैरिया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, सहायक परियोजना अधिकारी जिला पंचायत श्री एस.के. मिश्रा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।
समाचार क्रमांक 264-1821
Comments
Post a Comment