राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस पर दवा सेवन कार्यक्रम का शुभारंभ
पन्ना 14 मार्च 18/राष्ट्रीय फायलेरिया (हाथीपांव) दिवस का उद्घाटन 14 मार्च को जिला चिकित्सालय पन्ना में कलेक्टर श्री मनोज खत्री एवं नगरपालिका अध्यक्ष श्री मोहनलाल कुशवाहा द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने पन्ना जिले के नागरिकों को दवा खिलाई एवं स्वयं भी दवा का सेवन किया। राष्ट्रीय फायलेरिया दिवस कार्यक्रम 14 से 16 मार्च तक चलाया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एल.के. तिवारी द्वारा बताया गया कि फायलेरिया रोधी दवा का स्वयं सेवन करें साथ ही दूसरो को भी प्रेरित करें। शरीर के किसी भी अंग में अचानक आने वाली सूजन एंव विकृति को रोकें। विशेष रूप से हाथ, पैर, स्तन ग्रंथियों और अंडकोष में प्रायः अचानक सूजन फायलेरिया कृमि से सवंमित मच्छर के काटने से पैदा होती है। पन्ना जिले में पर्यटन एंव प्रवास करने वाले अपने परिचितों को भी इस गोली का सेवन उनकी एवं अपनी सुरक्षा के लिये अवश्य करायें। वर्तमान में पन्ना जिले में फायलेरिया (हाथीपांव एवं हाइड्रोसिल) के कुल 1580 मरीज पंजीकृत हैं। पन्ना जिला फायलेरिया के मामले में म.प्र. में छतरपुर के पश्चात् द्वितीय स्थान पर हैं। अब फायलेरिया के वाहक क्यूलेक्स मच्छर प्रायः गंदे पानी के गढढों, नालियों में पैदा होते है इनकी सफाई करें अथवा कोई भी तेल डालकर, जल निकास बनाकर फायलेरिया मच्छरों को पैदा होने से रोका जा सकता है। किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के खून में फायलेरिया कृमि हो सकते है। डी.ई.सी गोली फायलेरिया कृमि के लार्वा को मारती है जबकि एलवेण्डाजाॅल गोली फायलेरिया के वयस्क कृमि को मारती हैं। इस अवसर पर सिविल सर्जन पन्ना डाॅ. वी.एस उपाध्याय, नगरपालिका के पार्षद राकेश शर्मा, राज्य फाइलेरिया सलाहकार पवन मेहरा, पी.सी.आई भोपाल के पर्यवेक्षक, स्टाफ के कर्मचारी एवं अन्य प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।
समाचार क्रमांक 119-705
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एल.के. तिवारी द्वारा बताया गया कि फायलेरिया रोधी दवा का स्वयं सेवन करें साथ ही दूसरो को भी प्रेरित करें। शरीर के किसी भी अंग में अचानक आने वाली सूजन एंव विकृति को रोकें। विशेष रूप से हाथ, पैर, स्तन ग्रंथियों और अंडकोष में प्रायः अचानक सूजन फायलेरिया कृमि से सवंमित मच्छर के काटने से पैदा होती है। पन्ना जिले में पर्यटन एंव प्रवास करने वाले अपने परिचितों को भी इस गोली का सेवन उनकी एवं अपनी सुरक्षा के लिये अवश्य करायें। वर्तमान में पन्ना जिले में फायलेरिया (हाथीपांव एवं हाइड्रोसिल) के कुल 1580 मरीज पंजीकृत हैं। पन्ना जिला फायलेरिया के मामले में म.प्र. में छतरपुर के पश्चात् द्वितीय स्थान पर हैं। अब फायलेरिया के वाहक क्यूलेक्स मच्छर प्रायः गंदे पानी के गढढों, नालियों में पैदा होते है इनकी सफाई करें अथवा कोई भी तेल डालकर, जल निकास बनाकर फायलेरिया मच्छरों को पैदा होने से रोका जा सकता है। किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के खून में फायलेरिया कृमि हो सकते है। डी.ई.सी गोली फायलेरिया कृमि के लार्वा को मारती है जबकि एलवेण्डाजाॅल गोली फायलेरिया के वयस्क कृमि को मारती हैं। इस अवसर पर सिविल सर्जन पन्ना डाॅ. वी.एस उपाध्याय, नगरपालिका के पार्षद राकेश शर्मा, राज्य फाइलेरिया सलाहकार पवन मेहरा, पी.सी.आई भोपाल के पर्यवेक्षक, स्टाफ के कर्मचारी एवं अन्य प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।
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